बुढ़ापे तक जोड़ों का दर्द और कार्टिलेज घिसने की नहीं होगी समस्या, करें ये योगासन

Yoda Day 2025: शरीर को स्वस्थ और हर अंग को चलायमान रखने के लिए आपको रोजाना योग करना चाहिए। योग से शरीर को इतने फायदे मिलते हैं, जितने दवा खाने से नहीं मिलते। अगर आपको घुटनों या जोड़ों में दर्द रहता है तो योग से बेहतर इलाज कुछ नहीं है। आजकल तो युवाओं को ही घुटनों की समस्या होने लगी है। घुटनों के कार्टिलेज घुसने से दर्द बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में कई बार चलने और बैठने में भी परेशानी होती है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के मौके पर स्वामी रामदेव ने घुटनों के लिए बड़े असरदार और आसान से योगाभ्यास बताए हैं, जिससे घुटनों की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इन योगाभ्यास को नियमित करने से बुढ़ापे तक घुटने स्वस्थ रहेंगे और दर्द की समस्या भी दूर रहेगी।

घुटनों के लिए असरदार योग
आसंदिका आसन
घुटनों के लिए ये एक बेहतरीन योगाभ्यास है। इससे घुटने लंबे समय तक मजबूत बने रहेंगे। आसंदिका आसन करने का तरीका है कि आप बिना कुर्सी के जैसे कुर्सी पर बैठते हैं, उसी अवस्था में थोड़ी देर रहें। शरीर को होल्ड रखें और इसे 5-10 बार करें। इससे जोड़ों और घुटनों में ताकत आएगी।
दंड बैठक
योग में दंड बैठक को घुटनों के लिए असरदार आसन माना गया है। एक वक्त पर बच्चों को सजा के रूप में दंड बैठक करने के लिए कहा जाता था। लेकिन, ये घुटनों को मजबूत बनाने के लिए असरदार योगाभ्यास है। रोजाना कुछ मिनट के लिए दंड बैठक जरूर करें।
बटरफ्लाई
योग में सबसे आसान अभ्यास बटरफ्लाई को माना जाता है। बैठकर दोनों पैरों को तलवों को आपस में मिलाएं और हाथ से पकड़ लें। अब घुटनों को बटर फ्लाई की तरह चलाएं। इसे कोई भी आसानी से कर सकता है। घुटनों का दर्द दूर करने के लिए इसे अच्छा योगाभ्यास माना गया है।
बज्रासन
घुटनों को स्वस्थ रखना है तो रोजाना कुछ देर के लिए बज्रासन की मुद्रा में जरूर बैठें। इससे खाना भी आसानी से पच जाता है और घुटने मजबूत बनते हैं। हालांकि, उम्र बढ़ने पर बज्रासन करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन युवाओं को ये आसन जरूर करना चाहिए।
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मंडूकासन
बज्रासन की स्थिति में बैठकर ही मंडूकासन किया जाता है। मंडूकासन करने से निकला हुआ पेट अंदर चला जाता है। इस योगासन को करने से घुटने भी मजबूत बनते हैं। इसके लिए बज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं और दोनों हाथों से मुट्ठी बनाते हुए पेट को अंदर की ओर दबाएं। सांस अंदर लें और फिर आगे की ओर पूरा झुकें। इसी स्थिति में थोड़ी देर रहें और फिर ऊपर उठते हुए सांस लें।