मलेरिया की रोकथाम के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से R21/मैट्रिक्स-एम मलेरिया वैक्सीन (R/12 Matrix) की पहली खेप अफ्रीका में भेज दी गयी है। मलेरिया की यह वैक्सीन एसआईआई (SII) ने बनाई है। यह वैक्सीन अफ्रीका इसलिए भेजी गयी है क्योंकि वहां मलेरिया का असर बहुत अधिक दिखायी दे रहा है। मलेरिया की रोकथाम के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और उन्हीं प्रयासों के तहत R/12 वैक्सीन्स को अफ्रीका भेजा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, R/12 मैट्रिक्स वैक्सीन के प्रारंभिक शिपमेंट मध्य अफ्रीकी गणराज्य भेजे जा रहे हैं। वहीं, इसके बाद अन्य अफ्रीकी देशों में भी मलेरिया रोधी वैक्सीन भेजी जाएगी। इनमें दक्षिण सूडान और कांगो रिपब्लिक जैसे देशों का नाम शामिल है जहां मच्छर जनित बीमारी मलेरिया के मामले अधिक हैं। सीएआर क्षेत्र के लिए विशेष रूप से आवंटित कुल 163,800 खुराकों में से 43,200 खुराकें पुणे स्थित दवा निर्माता कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से भेजी जा रही हैं।
कैसे तैयार हुई यह वैक्सीन
मलेरिया की यह नयी वैक्सीन बनाने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के साथ नोवावैक्स और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक साथ काम किया। इस वैक्सीन के बनने के बाद और इसे अफ्रीका भेजने जैसे महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न भी मनाया गया जिसके लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम में भारत, अमेरिका और यूके के बीच इस सफल वैश्विक साझेदारी के महत्वपूर्ण पहलुओं पर रोशनी भी डाली गयी।
बता दें कि अब तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 25 मिलियन दवा खुराकों का निर्माण कर लिया है। फार्मा कम्पनी का प्रयास साल भर में 100 मिलियन वैक्सीन की खुराक बनाना है।
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अक्टूबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में मलेरिया की रोकथाम के लिए R21/मैट्रिक्स-एम वैक्सीन को मंजूरी दी थी। बता दें कि RTS,S/AS01 वैक्सीन के बाद R21 वैक्सीन WHO द्वारा अनुशंसित दूसरी मलेरिया वैक्सीन है। WHO ने RTS,S/AS01 वैक्सीन की सिफारिश 2021 में की थी।