High Functioning Depression: डिप्रेशन, एक ऐसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या, जिसमें व्यक्ति को लंबे समय तक उदासी, निराशा और थकान महसूस होती है. यह सिर्फ एक सामान्य उदासी नहीं है, बल्कि यह ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति के जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है. जब कभी भी हम डिप्रेशन सुनते हैं तो दिमाग में तस्वीर आती है जिसमें एक अंधेरा कमरा, एक इंसान चुपचाप बैठा हुआ है, दुखी है, किसी से बात करना उसे पसंद नहीं. बिस्तर से उठना मुश्किल है. रो रहा है. खुद को संवारना, नहाना-धोना, बाल बनाना- इन सबसे उसे कोई मतलब नहीं. ये डिप्रेशन की वो छवि है जो हमारे दिमाग में गढ़ दी गई है.
डिप्रेशन का एक प्रकार वो भी है जिसमें इंसान सुबह उठता है. नाश्ता करता है. तैयार होता है. ऑफिस जाता है. वहां काम करता है. सबसे दिल खोलकर मिलता है. मगर जब वो वापस घर लौटता है तो उस पर उदासी हावी हो जाती है. मन का खालीपन उसे कचोटने को दौड़ता है. अंदर ही अंदर वो उलझता है. परेशान हो जाता है. हर वक्त असहज महसूस करता है. इसे कहते हैं हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन.

हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन को पहचानना है मुश्किल | High Functioning Depression
बहुत सारे लोग ‘हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन’ से जूझ रहे हैं. लेकिन, इसे पहचानना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि काम नहीं रुकता. आज हम आपको हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन के बारे में बतायेंगे. जानेंगे कि हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन क्या होता है. इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव और इलाज कैसे किया जाए. हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है. इसका असर हमारी ज़िंदगी पर उतना ही गहरा होता है, जितना नॉर्मल डिप्रेसिव डिसऑर्डर यानी डिप्रेशन का.

भावनात्मक रूप से असहज महसूस करता है व्यक्ति | High Functioning Depression
हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन के बारे में जानना और इसे पहचानना बहुत ज़रूरी है. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन में व्यक्ति को अपने काम करने, ज़िम्मेदारी पूरी करने और रिश्ते निभाने में उतनी दिक्कत नहीं आती, जितना डिप्रेशन में आती है. लेकिन ऐसे व्यक्ति भावनात्मक रूप से बहुत असहज महसूस करता है. उसकी मानसिक स्थिति किसी डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति जैसी ही होती है.
हाई–फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षण | High Functioning Depression
– लगातार उदासी महसूस करना
– हमेशा चिंतित रहना
– खालीपन महसूस होना
– नाउम्मीद हो जाना
– हालांकि हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन से पीड़ित लोग इन लक्षणों को बाहर नहीं आने देते, उन्हें छिपाकर रखते हैं. यानी किसी इंसान को ऑब्ज़र्व करके, देखकर या थोड़ी-सी बात करके ये पता लगाना बहुत मुश्किल है कि उसे हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन है या नहीं.

हाई–फंक्शनिंग डिप्रेशन से बचाव और इलाज | High Functioning Depression
हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है. हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन को पहचानने के बाद इलाज भी ज़रूरी है. इसके इलाज के लिए किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलें और अपना इलाज कराएं. आप किसी साइकोलॉजिस्ट या साइकेट्रिस्ट से भी मिल सकते हैं. जब आप किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के पास जाएंगे तो वो आपको अलग-अलग थेरेपी देंगे. आपसे बात करेंगे. समझेंगे कि आखिर दिक्कत कहां है और आपकी परेशानी कैसे दूर की जा सकती है. वैसे तो कई लोग थेरेपी से ठीक हो जाते हैं. लेकिन, ज़रूरत पड़ी तो आपको कुछ दवाइयां भी दी जाएंगी. इसलिए ज़रूरी है आप एक अच्छे मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलें.
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर कुशा कपिला भी रह चुकी हैं इसका शिकार | High Functioning Depression
हाल ही में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और एक्ट्रेस कुशा कपिला को हाई फंक्शनल डिप्रेशन डायग्नोस हुआ था। इसके बारे में उन्होंने इंटरव्यूह देकर खुलकर बातचीत की। हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षण होने पर आपको कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस समस्या में एकाग्रता कम होने के अलावां आपका आत्मविश्वास भी कम हो सकता है। ऐसी स्थिति होने पर शरीर में थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है। इस स्थिति में आपका मूड बदलने के साथ ही साथ चिड़चिड़ापन भी हो सकता है। हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन होने पर आपको भूख कम लगने का भी एहसास हो सकता है।

हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन से बचने के लिए आपको अकेलापन दूर करने के साथ ही साथ लोगों के बीच में रहना चाहिए। इस डिप्रेशन से बचने के लिए आपको स्ट्रेस या फिर किसी भी काम का ज्यादा प्रेशल लेने से भी बचना चाहिए। इसके लिए आपको अपने लाइफस्टाल में बदलाव जैसे खानपान अच्छा रखना और एक्सरसाइज करनी चाहिए।