गर्मियों में लोगों को ऐसे फूड्स खाना-पीना पसंद आता है जिनका स्वाद ताजगी से भरा हो और जिनकी तासीर ठंडी होती है। दही भी ऐसी ही एक चीज है जो लोगों को गर्मियों में खूब पसंद आती है। गर्मियों में लोग ब्रेकफास्ट और लंच में खासतौर पर दही खाना पसंद करते हैं। दही का रायता, दही वड़े, लस्सी और मसालेदार छाछ लोगों की रोजमर्रा की डाइट का हिस्सा होती ही है। इसके अलावा गुड़ और शक्कर के साथ भी दही खायी जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में गर्मियों के मौसम में दही खाने से मना किया जाता है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों और किन लोगों को गर्मियों में दही खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
आयुर्वेद ने दही खाने से क्यों मना किया?
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. स्मिता नरम (Ayurveda Practioner, Dr. Smita Naram, Co-Founder of Ayushakti) बताती हैं कि, गर्मियों मे दही खाने से बचना चाहिए क्योंकि दही की तासीर गर्म होती है। साथ ही गर्मियों में दही को पचा पाना मुश्किल हो सकता है। आमतौर पर माना जाता है कि दही खाने से पेट को ठंडक मिलती है लेकिन, इसके उलट दही की तासीर गर्म होती है जो डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए मुश्किल हो सकती है। जैसे-जैसे गर्मियों में तापमान बढ़ने लगता है वैसे-वैसे डाइजेस्टिव पॉवर कम होने लगती है। ऐसे में दही खाने से आपको पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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गर्मियों में दही खाने के नुकसान
- दही खाने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है। इससे शरीर में पित्त दोष बढ़ने से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
- शरीर में गर्मी बढ़ जाने के कारण लोगों की स्किन पर खराब असर पड़ता है। इससे पिम्पल्स और एक्ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- दही खाने से अपच, पेट में भारीपन और बेचैनी महसूस हो सकती है।
गर्मी के मौसम में दही खाने का सही तरीका?
डॉ. स्मिता सलाह देती हैं कि अगर आप दही के पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम और प्रोटीन के फायदे पाना चाहते हैं तो आपको हल्की और पचने में आसान चीजें खानी चाहिए। जैसे आप दही में पानी मिलाकर इसका पतला घोल बना सकते हैं। दही और पानी से बनी लस्सी और छाछ जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं।