विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट की मानें तो भारत में महिलाओं की असमायिक मौत का सबसे बड़ा कारण ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) है। हर साल बड़ी संख्या में महिलाएं इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवाती हैं। इनमें कम उम्र और बड़ी उम्र की महिलाएं भी शामिल हैं। आम तौर पर ब्रेस्ट कैंसर का पता दूसरे स्टेज पर लगता है। कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर की चार स्टेज होती हैं। हर स्टेज के साथ मरीज की स्थिति गंभीर होती जाती है और इलाज मुश्किल होता जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के पहली और दूसरी स्टेज में इलाज आसानी से किया जा सकता है, जबकि तीसरी स्टेज (Breast Cancer Third Stage) में इलाज में बहुत जटिल हो जाता है। इस स्टेज तक कैंसर पूरे शरीर में फैलने लगता है। यही नहीं इस स्टेज पर कैंसर पहुंचने पर इसके दोबारा होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Symptoms of Breast Cancer)
ब्रेस्ट में गांठ या सूजन होना
ब्रेस्ट के साइज में अंतर होना
निप्पल से डिस्चार्ज
ब्रेस्ट की स्किन में चेंज
निप्पल में बदलाव
ज्यादा थकान और वजन घटाना

ब्रेस्ट कैंसर के चार स्टेज (Four Stage of Breast Cancer)
पहला स्टेज– इस स्टेज में कैंसर छोटा होता है और ब्रेस्ट के टिश्यू में होता है। इस समय इलाज आसानी से हो सकता है और मरीज के ठीक होने की संभावना 90 फीसदी होती है।
दूसरा स्टेज– आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर का पता दूसरे स्टेज में लगता है। इस स्टेज में कैंसर ब्रेस्ट टीश्यू के अलावा लिम्फ नोड्स तक फैल जाता है। इस समय इलाज हो सकता है और मरीज के ठीक होने की संभावना 80 फीसदी होती है।
थर्ड स्टेज– यह ब्रेस्ट कैंसर की एडवांस स्टेज है। इसमें कैंसर ब्रेस्ट टीश्यू के अलावा 10 लिम्फ नोड्स तक फैल चुकी होती है। इस समय डॉक्टर को तय करना होता है कि इलाज के लिए कौन सा तरीका सही होगा। मरीज के ठीक होने की संभावना 60 से 70 फीसदी तक होती है।
फोर्थ स्टेज– यह ब्रेस्ट कैंसर का अंतिम स्टेज है, जहां बीमारी लिम्फ नोड्स से आगे बढ़कर फेफड़े और हड्डियों तक पहुंच जाती है। इस स्टेज पर मरीजों की जान बचने की संभावना 40 फीसदी होती है।
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थर्ड स्टेज पर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज (Third Stage Breast Cancer Treatment)
कीमोथेरेपी- सबसे पहले कैंसर सेल्स के आकार को कम करने के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में कीमोथेरेपी की मदद ली जाती है। यह उपचार कैंसर को कम करने में मदद करता है और इसकी मदद से कैंसर प्रभावित सेल्स को हटाया जा सकता है। इसे ब्रेस्ट कंजर्विंग सर्जरी कहा जाता है।
सर्जरी– कीमो के बाद ब्रेस्ट कंजर्विंग सर्जरी या मास्टेक्टॉमी की मदद ली जाती है। मास्टेक्टॉमी के बाद स्तन रीकंस्ट्रक्शन किया जा सकता है। सर्जरी के बाद मरीज को हार्मोन थेरेपी और हड्डियों को मजबूती के लिए दवाएं दी जाती हैं।
रेडिएशन थेरेपी– इसकी मदद से कैंसर सेल्स को ब्रेस्ट के आसपास बढ़ने से रोका जा सकता है और उन्हें समाप्त किया जाता है।
हार्मोन थेरेपी– हार्मोन थेरेपी का उपयोग हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव कैंसर में किया जाता है। इस थेरेपी की मदद से शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को संतुलित रखने में मदद मिलती है।