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क्‍या होता है STI और STD में अंतर? ये महिलाओं के लिए कितना खतरनाक; यहां है हर जानकारी

महिलाओं में एसटीआई और एसटीडी इंफेक्‍शन का खतरा रहता है, ऐसे में उनको ज्‍यादा सावधान रहने की जरूरत है। यौन संचारित इंफेक्शन (STI) बीमारी के शुरुआती लक्षण हैं, जबकि यौन संचारित बीमारी (STD) इसका विकसित रूप है। एसटीडी, एसटीआई के कारण होते हैं। ये मुख्य रूप से यौन संपर्क से फैलते हैं।

एसटीआई इंफेक्शन के बारे में (What is STI)

एसटीआई बैक्टीरिया, वायरस या परजीवियों के कारण होते हैं। यौन संचारित संक्रमण ब्लज, योनि या वीर्य और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के जरिए से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। करीब हर यौन रूप से सक्रिय व्यक्ति को किसी न किसी समय HPV होगा। यह अमेरिका में सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है। HPV के 40 से ज़्यादा प्रकार यौन रूप से फैल सकते हैं। आप उन्हें योनि, गुदा या मुख मैथुन के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। आप उन्हें त्वचा से त्वचा के संपर्क से भी प्राप्त कर सकते हैं।

एसटीडी इंफेक्‍शन के बारे में (What is STD)

पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक यौन एसटीडी का शिकार हो जाती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाएं इस बीमारी को लेकर काफी ज्यादा सेंसटिव होते हैं। यौन अंगों की बनावट अलग-अलग होने के कारण एसटीडी के कई जोखिम को बढ़ा सकती है। यह यौन से जुड़ी बीमारी हो सकती है, जोकि केवल महिलाओं को होती हैं। पुरुषों में नहीं होते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, वजाइना की लेयर पतली होती है। इस कारण बैक्टीरिया और वायरस अधिक पनपते हैं।

महिलाओं में STI और STD के लक्षण

अधिक डिस्चार्ज हो तो रहें अलर्ट

एसटीडी अकसर सैक्सुअली एक्टिव रहने वालों को होता है। एसटीडी के कारण वैजाइना से गंध और असामान्य रंग वाला डिस्चार्ज हो रहा है तो अलर्ट होने की जरूरत है। हरे रंग का डिस्चार्ज गोनोरिया या क्लैमाइडिया के कारण हो सकता है।

खुजली है तो डाक्टर को दिखाएं

कई बार एसटीडी के कारण वैजाइना में खुजली रहने लगती हैं। कई दफा यह इंटरनल हो सकती है। इससे गर्भाशय में भी इन्फेक्शन हो सकता है। संक्रमण खुद से कम नहीं हो रहा है तो नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

इंटीमेट होते समय पेन हो डॉक्टर से करें कंसल्ट

एसटीडी के कारण वैजाइनल इंफेक्शन अधिक हो जाता है। इससे इंटीमेशन के दौरान कई बार भयंकर दर्द होता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हैं तो इलाज कराएं

युवतियां हो या महिलाएं, सभी को मासिक धर्म होता है, यह एक नेचुरल प्रक्रिया है। इस दौरान कुछ दिनों तक होने वाली ब्लीडिंग भी नार्मल हैं, लेकिन इन दिनों से अलग यदि बलीडिंग हो रही है तो परेशान होने की जरूरत हैं। डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

घाव हैं तब भी इलाज कराएं

एसटीडी की वजह से कई बार कभी-कभी इन्फेक्शन के कारण घाव हो जाते हैं। कई बार घाव गंभीर नेचर के होते हैं। ऐसी स्थिति में इलाज शुरू करा देना चाहिए। यह वायरस या बैक्टीरिया का अटैक हो सकता है।

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