शरीर में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन कम होने लगता है। आयरन की कमी को पूरी करने के लिए लोग कई तरह के सप्लीमेंट लेते हैं, लेकिन खाना पकाने के बर्तन को बदलने से भी आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।
लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल आज भी दादी नानी किया करती हैं। इससे शरीर को लोह तत्व यानि आयरन मिलता है। डॉक्टर भी हीमोग्लोबिन कम होने पर आयरन के बर्तनों में पका खाना खाने की सलाह देते हैं। सेहत को लेकर अलर्ट रहने वाले लोग भी लोहे की कढ़ाही और लोहे के तवे का इस्तेमाल करते हैं।
दरअसल, शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी से जब हमने हीमोग्लोबिन बढ़ाने के तरीकों के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि इसके लिए आयरन से भरपूर चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। आपको लोहे के बर्तनों में खाना पकाकर खाना चाहिए। लोहे की कढ़ाही, तवा और दूसरे कुकवियर का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे लोह तत्व खाने के जरिए शरीर तक पहुंचते हैं और आयरन की कमी दूर होती है। जब शरीर में भरपूर आयरन की मात्रा होगी तो हीमोग्लोबिन बढ़ने लगेगा।
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लोहे के बर्तन में पका खाना खाने से बढ़ता है हीमोग्लोबिन
वहीं मेयो क्लीनिक की एक रिसर्च में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि लोहे के बर्तनों में खाना पकाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। कुछ खाद्य पदार्थों को जब लोहे के बर्तनों में पकाया गया, तो उनके पोषक तत्व और बढ़ गए। रिसर्च में कहा गया है कि लोहे के बर्तनों में बना खाना नियमित रूप से करीब 4 महीने तक बच्चों को दिया और बच्चों के हीमोग्लोबिन में काफी सुधार देखने को मिला।
लोहे के बर्तनों में खाना पकाने के फायदे
- लोहे के बर्तनों में खाना पकाने से भोजन लंबे समय तक गर्म बना रहता है।
- लोहे के बर्तन में पका हुआ भोजन कोई हानिकारक गंध या प्रभाव नहीं छोड़ता है।
- लोहे के बर्तनों में पका हुआ खाना खाने से शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है।
- एनीमिया से बचने और खून की कमी को पूरा करने के लिए रोजाना लोहे के बर्तनों में खाना बनाना चाहिए।