प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं को उनकी सेहत के बारे में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. प्रेग्नेंसी एक ऐसा पीरियड होता है, जिसमें महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव होते हैं और उन्हें कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ा जाता है. उनको प्रेग्नेंसी के दौरान सही डाइट लेना बेहद जरूरी होता है तो वहीं जंक फूड्स से दूरी रहने की भी जरूरत होती है.
एक्सपर्ट गर्भवती महिलाओं को अलग-अलग समय पर अपने खान-पान में बदलाव करने की सलाह देते हैं. क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे को सही पोषक तत्वों की जरूरत होती है, ताकि उसका विकास सामान्य तरीके से हो. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं सही डाइट नहीं लेंगी, तो उसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे की ग्रोथ पर होता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
दिल्ली के फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुप्रिया कहती हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए. प्रेग्नेंसी के तीन महीने के बाद महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना चाहिए, जिससे उन्हें अधिक मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन और मिनरल्स मिलें. महिलाओं को दूध, दही, पनीर, फ्रूट, हरी सब्जियां, दालें, सोया, टोफू अधिक मात्रा में लेना चाहिए. साथ ही नॉनवेज खाने वाली महिलाओं को अंडा, फिश, चिकन का हफ्ते में दो दिन सेवन करना चाहिए. इससे प्रेग्नेंसी और उसके बाद भी महिला और शिशु स्वस्थ रहेंगे.
इन फलों से बचना चाहिए
पहले तीन महीने में पपीता, अनानास और एवाकाडो जैसे फ्रूट्स का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी सेहत और गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. फास्ट फूड, जंक फूड और बाहर के खाने से दूर रहना चाहिए.
प्रेग्नेंट महिलाओं की लाइफस्टाइल और सावधानियों को लेकर फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की एडिशनल डायरेक्टर डॉ. जूही जैन कहती हैं कि प्रेग्नेंट होना महिलाओं के लिए प्रकृति का सबसे सुखद अहसास है और इसे महसूस करना चाहिए.
जरूर ध्यान रखें ये बातें
- गर्भवती महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान घर का बना ताजा खाना खाएं और प्रोटीन, हरी सब्जियों और फलों का सेवन जरूर करें.
- दिनभर एक्टिव रहें और ज्यादा से ज्यादा टहलें.
- प्रेग्नेंसी के चार महीने बाद महिलाएं योग कर सकती हैं.
- ब्लड प्रेशर लगातार चेक करवाते रहें.
- डॉक्टर की सलाह पर ब्लड, यूरिन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाएं.
- प्रेग्नेंट महिलाएं जरूरी वैक्सीन अवश्य लगवाएं. फोलिक एसिड की गोली प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में लेना जरूरी है.
- अच्छे हॉस्पिटल में डिलीवरी करवाएं और डॉक्टर के संपर्क में रहें.