सेक्स अब भी सबसे ज्यादा छुपाया जाने वाला विषय है। सेक्स एजुकेशन की लगातार जागरुकता के बाद भी लोग इनकी समस्याओं को छुपाते हैं। ऐसी ही एक समस्या है जेनिटल वार्ट्स। एसटीडी होने के कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे में बहुत तेजी से फैलते हैं और किसी भी तरह के सेक्स के कारण हो सकते हैं। ये सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज हैं, इसलिए इनके बारे में जानना और सही उपचार कराना बहुत जरूरी है।
क्या है जेनिटल वार्ट
वेजाइना या पेनिस के आसपास मस्से जैसी संरचना जेनिटल वार्ट या जननांग मस्से होते हैं। ये गर्भाशय ग्रीवा, लिंग, अंडकोश या गुदा पर या उसके आसपास हो सकते हैं। ये उभरे हुए या चपटे, छोटे या बड़े हो सकते हैं। कुछ मस्से इतने छोटे और चपटे हो सकते हैं कि उन पर तुरंत ध्यान नहीं जाता है। ज्यादातर जननांग मस्से दर्द रहित होते हैं। कुछ लोगों को खुजली, रक्तस्राव, जलन या दर्द हो सकता है।
जेनिटल वार्ट के लक्षण
एचपीवी से संक्रमित कई लोगों को कभी मस्से नहीं होते। यदि मस्से विकसित हो जाते हैं, तो वे आमतौर पर कुछ महीनों के भीतर बाहरी तौर पर दिखाई देने लगते हैं। ये कभी-कभी वर्षों बाद भी दिखाई दे सकते हैं। हेल्थकेयर एक्सपर्ट आमतौर पर जननांग मस्सों को देखकर उनका निदान कर सकते हैं। कभी-कभी प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए मस्से का एक छोटा सा नमूना ले लिया जाता है। यह आमतौर पर दर्दनाक नहीं होता है।
जेनिटल वार्ट का कारण
जेनिटल वार्ट आमतौर पर एक यौन संचारित रोग होते हैं। एसटीडी योनि, ओरल और गुदा संपर्क के माध्यम से फैलते हैं। ये एचपीवी या ह्यूमन पेपिलोमावायरस के कारण होते हैं। ये वायरस कुछ प्रकार के कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। एचपीवी के जो प्रकार जेनिटल वार्ट का कारण बनते हैं, वे आमतौर पर कैंसर का कारण नहीं बनते हैं।
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मस्से खत्म होने के बावजूद एचपीवी जननांग क्षेत्र में सक्रिय हो सकता है। यह दूसरों में फैल सकता है। लोगों के लिए यह जानना हमेशा संभव नहीं होता है कि वे एचपीवी से कब संक्रमित हुए। वार्ट विकसित होने से पहले वायरस शरीर में महीनों से लेकर सालों तक रह (हो (genital wart causes) सकता है। हो सकता है कि पहले उन पर मस्से रहे हों, जिन पर ध्यान नहीं दिया गया।
इस तरह होता है इलाज
यह कितने समय तक रह सकता है, यह अलग-अलग व्यक्ति पर निर्भर करता है। कभी-कभी प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ महीनों के भीतर मस्सों को साफ़ कर देती है। अगर मस्से खत्म भी हो जाते हैं, तो भी एचपीवी शरीर में सक्रिय रह सकता है। इसके कारण ये दोबारा हो सकते हैं। आमतौर पर 2 साल के भीतर मस्से और एचपीवी शरीर से ख़त्म हो जाते हैं।
इलाज के लिए जेनिटल वार्ट पर दवा लगाई जाती है या उनमें डाली जाती है। मस्सों पर लेजर, कोल्ड या हीट कम्प्रेस भी लगाया जा सकता है। कभी-कभी उपचार के बाद मस्से वापस आ जाते हैं। उपचार शरीर में मौजूद सभी एचपीवी से छुटकारा नहीं दिला सकते हैं।
जेनिटल वार्ट से पीड़ित हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
- जान लें कि एचपीवी सेक्स के दौरान पार्टनर में फैल सकता है, भले ही उन्हें जेनिटल वार्ट न हों।
- सेक्स करने से पहले किसी भी सेक्सुअल पार्टनर को इसके बारे में बता देना चाहिए।
- जेनिटल वार्ट से पीड़ित व्यक्ति हर बार जब सेक्स करें (योनि, ओरल या गुदा), तो कंडोम का उपयोग जरूर करें।
- हेल्थकेयर प्रोवाइडर ने यदि एसटीडी परीक्षण करवाने को कहा है, तो जरूर कराएं।
- एचपीवी वैक्सीन के सभी डोज लेना सुनिश्चित करें।