स्वास्थ्य और बीमारियां

मंकीपॉक्स और HIV संक्रमित लोगों के लिए खुशखबरी, इस दवा से मिलेगी मुक्ति

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण दिखने के 7 दिनों के अंदर एंटीवायरल दवा टोपॉक्स (टेकोविरिमैट) लेने से एचआईवी पॉजिटिव लोगों में बीमारी का फैलाव कम हो सकता है।

अमेरिका के जर्नल JAMA इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन में जून 2022 से अक्टूबर 2022 के बीच मंकीपॉक्स से ग्रस्त 112 एचआईवी पॉजिटिव लोगों को शामिल किया गया। इनमें से आधे लोगों (56) को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के 7 दिनों के अंदर टोपॉक्स दिया गया, जबकि बाकी 56 लोगों को या तो बाद में इलाज मिला या बिल्कुल नहीं मिला। दोनों समूहों में लगभग सभी लोग (96%) पुरुष थे और 80% से ज्यादा अश्वेत थे। औसत आयु क्रमशः 35 और 36 वर्ष थी।

अध्ययन में यह देखा गया कि 7 दिनों के बाद मंकीपॉक्स का फैलाव कम दवा समूह में 3 लोगों (5.4%) में हुआ, जबकि देरी से इलाज वाले या बिना इलाज वाले समूह में 15 लोगों (26.8%) में हुआ। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ ब्रूस एल्ड्रेड का कहना है, “इस अध्ययन के नतीजे यह सुझाते हैं कि मंकीपॉक्स का संदेह होने पर सभी एचआईवी पॉजिटिव लोगों को तुरंत टोपॉक्स देना शुरू किया जाना चाहिए।”

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल सभी एचआईवी पॉजिटिव लोगों को बिना सोचे समझे टोपॉक्स देने की सिफारिश करना जल्दबाजी होगी। CIDRAP के एक लेख में विशेषज्ञों ने कहा कि अध्ययन भले ही दवा की प्रभावशीलता दिखाता हो, लेकिन यह इस बात को नजरअंदाज करता है कि अमेरिका में अधिकांश एचआईवी पॉजिटिव लोग टोपॉक्स लेने के योग्य नहीं हैं।

उनका कहना है कि अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के दिशानिर्देशों में फिलहाल केवल उन एचआईवी पॉजिटिव लोगों को टोपॉक्स देने की सलाह दी गई है, जिनका संक्रमण गंभीर है या नियंत्रण में नहीं है। इसके अलावा, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले मरीजों, बच्चों और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी यह दवा दी जा सकती है।

कोलंबिया विश्वविद्यालय के जेसन जुकर कहते हैं, “इसके अलावा, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सभी मरीजों के लिए टोपॉक्स लेने का कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है। साथ ही, चिंता है कि दवा के अंधाधुंध इस्तेमाल से वायरस प्रतिरोधी बन सकता है।” उनका कहना है, “स्वस्थ एचआईवी पॉजिटिव लोगों में मंकीपॉक्स आमतौर पर गंभीर बीमारी नहीं होती है, इसलिए संभावित रूप से सबसे ज्यादा लाभ उठाने वालों तक ही दवा का इस्तेमाल सीमित रखना फायदेमंद हो सकता है।”

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