ब्रिटेन में हुए शोध से पता चला है कि पिछले 25 सालों की तुलना में अब 35 से 69 साल के कम उम्र के लोगों में कैंसर से होने वाली मौतों में गिरावट आई है। यह गिरावट कई कारणों से संभव हुई है, जैसे- कम धूम्रपान से फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हुआ है। कैंसर की रोकथाम के प्रयास में जागरूकता फैलाने और जोखिम कम करने वाले उपायों से कैंसर के मामलों को कम किया जा रहा है। नियमित जांचों से कैंसर का जल्दी पता चलता है, जिससे इलाज आसान हो जाता है। नई तकनीकें और दवाएं कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो रही हैं लेकिन सावधानी अभी भी जरूरी है।
हालांकि मौतों में कमी आई है, पर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और यह अभी भी कई लोगों की जान ले रहा है। कैंसर रिसर्च यूके ने इस समस्या से निपटने के लिए “लंबा, बेहतर जीवन” नाम की योजना बनाई है।
क्या हैं चुनौतियां और समाधान
बढ़ते मामले: आबादी बढ़ने और गलत जीवनशैली (धूप में ज्यादा रहना, शराब का सेवन, मोटापा) के कारण कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इससे मरीजों, स्वास्थ्य सेवाओं और अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ रहा है।
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कुछ खास कैंसरों में इजाफा: त्वचा कैंसर (Melanoma), लीवर कैंसर, मुंह का कैंसर और किडनी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिन आदतों से ये कैंसर होते हैं, उन्हें कम करने की जरूरत है।
बचने है तो जरूर करें ये काम?
- धूम्रपान कम करें।
- शराब का सेवन सीमित करें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- सूर्य की हानिकारक किरणों से बचें।
- नियमित जांच करवाएं।
सरकार की भूमिका क्या है
- धूम्रपान कम करने के लिए सख्त कदम उठाए।
- मोटापा रोकने के लिए जागरूकता फैलाए।
- कैंसर स्क्रीनिंग की सुविधा बढ़ाए।
- कैंसर के इलाज में नई तकनीक और दवाओं पर शोध को बढ़ावा दे।
कुल मिलाकर देखा जाये तो, कैंसर के खिलाफ लड़ाई में अच्छी प्रगति हो रही है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर और नियमित जांच करवाकर हम इस बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं।