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मलाइका अरोड़ा के पिता ने की आत्महत्या! सुसाइड एटेम्पट की कोशिश करने से पहले ऐसे लोगो देते हैं कई संकेत

Father of Actress-Model Malaika Arora Died: बॉलीवुड इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा का निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल अरोड़ा ने छठी मंजिल से कूदकर सुसाइड किया है। हालांकि, अभी इस कारण की पुष्टि ही नहीं हो पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मेंटल हेल्थ खराब होने से आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ी वजह है कि उन्हें पहचानना मुश्किल होता है, जिस वजह से आत्महत्याओं को रोकना मुश्किल हो रहा है। हालांकि, बारीकी से ध्यान दें तो ऐसे लोग आत्महत्या की कोशिश करने से पहले कई सारे संकेत देते हैं।

आत्महत्या को अंजाम देने वालों के संकेतों के बारे में जानिए | Suicide Cases

सुसाइड करने की इच्छा को सुसाइड टेंडेनसी कहा जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के मुताबिक ऐसा इंसान अचानक से अलग बर्ताव करने लगता है जो कि उसकी बातचीत में साफ नजर आता है। जैसे-

  • -मजाक या गंभीर होकर मरने की इच्छा बताना।
  • -गंभीर शर्म और गिल्ट की बात करना।
  • -दूसरों पर बोझ बनने की बात करना।
  • -बहुत ज्यादा भावनात्मक या शारीरिक दर्द में रहना।
  • -मरने के बारे में प्लान या रिसर्च करना।
  • -दोस्तों व अपनों से दूरी बना लेना और अलविदा की बात करना।
  • -तेज ड्राइव करने जैसे खतरनाक काम करना।
  • -अत्यधिक मूड स्विंग्स होना और कम या ज्यादा खाना या सोना।
  • -ड्रग्स या शराब की लत होना।

आत्महत्या करने के आम कारण | Suicide Cases

  • -मेंटल हेल्थ की समस्या
  • -शारीरिक समस्या का बढ़ना
  • -शोषण होना
  • -किसी अपने का खोना
  • -किसी रिश्ते का टूटना
  • -आर्थिक व सामाजिक समस्या
  • -सफल न होने का डर
  • -किसी समस्या का हल न दिखना
  • -ट्रॉमा
  • -डिप्रेशन, आदि

आंकडें बढ़ा रहे चिंता | Sucide Cases

बढ़ते आत्महत्या के मामले, वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय हैं। हर साल दुनियाभर में लाखों लोग अत्महत्या के कारण अपनी जान गंवाते हैं। भारत में भी ये समस्या बड़ी चिंता बनकर उभर रही है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छात्र आत्महत्या की वार्षिक दर तेजी से बढ़ी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2024 के आंकड़ों के आधार पर, कुल आत्महत्याओं की संख्या में जहां सालाना 2% की वृद्धि हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी की दर 4% से अधिक है। ये निश्चित ही चिंताकारक विषय है।

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आत्महत्या के विचार आना गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेतक है। इससे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति लंबे समय से तनाव-अवसाद में जी रहा है, जिसका अगर समय रहते निदान और उपचार हो गया होता तो स्थिति को इस स्तर पर खराब होने से रोका जा सकता है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते आत्महत्या की रोकथाम के लिए योजना बनाने, विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आत्महत्याओं को रोकने के प्रयास को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।

बच्चों में ये लक्षण Mental Disorders का देते हैं संकेत, Dr. Prashant Shukla से समझिए

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