रुक-रुक कर पेशाब आने की परेशानी किसी व्यक्ति को तब होती है, जब पेशाब का फ्लो शुरू करने या बनाए रखने में परेशानी होती है यानि जब यूरिन का फ्लो निरंतर नहीं रहता है, तो इस स्थिति को रुक-रुककर पेशाब आने की परेशानी कहा जाता है। रुक-रुक कर पेशाब आने का सबसे आम कारण बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) है, जिसे बढ़े हुए प्रोस्टेट के रूप में भी जाना जाता है। BPH से पीड़ित कई पुरुषों को उनके निदान के दौरान किसी समय रुक-रुक कर पेशाब आने का अनुभव हो सकता है।
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क्यों आती है रुक-रुक कर पेशाब?
रुक-रुक कर पेशाब आने का सबसे आम कारण प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (BPH) है। यह स्थिति तब होती है जब प्रोस्टेट इतना बड़ा हो जाता है कि यूरिन मार्ग को आंशिक रूप से अवरुद्ध कर देता है। इसके अलावा रुक-रुक कर पेशाब आने के कुछ अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे-
- मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI)
- अतिसक्रिय मूत्राशय
- मूत्राशय या गुर्दे की पथरी
- यूरिन का कंट्रोल न होना
- डायबिटीज, इत्यादि।
रुक-रुककर पेशाब आने के लक्षण
आमतौर पर रुक-रुक कर पेशाब आने का पहला संकेत यह है कि आपको पेशाब करने में सामान्य से ज्यादा समय लग रहा है, खास तौर पर पेशाब करते समय रुकने और शुरू होने की अनुभूति के कारण। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जैसे –
- यूरिन का प्रवाह रुक जाना
- पेशाब करते समय काफी दर्द होना
- मूत्र संबंधी हिचकिचाहट
- पेशाब करते समय जोर लगाना
- यूरिन की कमज़ोरी
- पेशाब अच्छे से खाली न होना, इत्यादि।
रुक-रुक कर पेशाब आने का इलाज
रुक-रुक कर पेशाब आने का इलाज कराना काफी जरूरी होता है। यह परेशानी न सिर्फ BPH के कारण होती है बल्कि यह UTIs, मूत्राशय की पथरी और गुर्दे की क्षति जैसी अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। यदि आपको इनमें से कोई भी स्थिति है और साथ ही BPH भी है, तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह हें। डॉक्टर सही आहार और बेहतर रिलाज की मदद से इस परेशानी को कम करने की कोशिश करता है।