आए दिन ऐसी खबरें सुनने को मिलती है जब रेबीज के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है. रेबीज जानवरों से होने वाला एक तरीके का इंफेक्शन है, जो उनके काटने पर इंसानों में भी फैल सकता है और अगर समय रहते रेबीज का इलाज नहीं करवाया जाए, तो ये खतरनाक रूप भी ले सकता है. कई मामलों में रेबीज से लोगों की मौत तक हो जाती है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि रेबीज का कुत्ता काटने के कितने समय बाद मौत का खतरा सबसे ज्यादा होता है और आप कैसे इससे बचाव कर सकते हैं.
14 साल के बच्चे की रेबीज से गई थी जान
साल 2023 में दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में रेबीज की वजह से 14 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. इस दिल दहला देने वाली खबर ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था. दरअसल बच्चे को 1 महीने पहले कुत्ते ने काटा था. समय पर इलाज नहीं हुआ जिसकी वजह से रेबीज का इन्फेक्शन बढ़ता चला गया. कुछ दिनों बाद बच्चों में अजीबोगरीब लक्षण नजर आने लगे और वह हवा पानी से भी डरने लगा था. जब तक घरवालों ने डॉक्टर को दिखाया, काफी देर हो चुकी थी और इस वजह से बच्चे की जान चली गई.
क्या होता है रेबीज?
रेबीज नामक संक्रमण मुख्य रूप से जानवरों में पाया जाता है, लेकिन संक्रमित पशुओं से यह वायरस इंसान के शरीर में भी जा सकता है. जब कोई रेबीज से संक्रमित पशु मनुष्य को काट लेता है या उसकी लार के संपर्क में आता है, तो इससे यह वायरस इंसान को भी हो सकता है. आमतौर पर इसके लक्षण एक से तीन महीने में दिखाई देते हैं. इस समय में अगर इसका इलाज नहीं किया जाए और प्रॉपर इंजेक्शन नहीं लगाए जाएं तो इससे मौत का खतरा भी हो सकता है.
किन-किन जानवरों से फैल सकता है रेबीज?
डॉक्टर बताते हैं कि रेबीज की बीमारी आमतौर पर कुत्ते, बंदर, बिल्ली में सबसे ज्यादा पाई जाती है, क्योंकि यह इंसानों के आसपास रहते हैं, इसलिए उनके काटने से इंसानों में रेबीज फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
Also Read – आंखों की लाइलाज बीमारी की चपेट में 20 करोड़ लोग, Expert ने बताया कैसे बचें?
रेबीज के मुख्य लक्षण
रेबीज के मुख्य लक्षणों में दर्द होना, थकावट महसूस होना, सिर दर्द, बुखार, मांसपेशियों में जकड़न, चिड़चिड़ापन, एग्रेसिव नेचर, अजीबो गरीब हरकतें करना, लकवा मारना, मुंह से लार टपकना, आंसू ज्यादा बहाना, तेज रोशनी या आवाज से चिढ़ना, बोलने में तकलीफ होना आदि चीजें शामिल हो सकती हैं.
ग्लोबल लेबल पर रैबीज एक खतरनाक बीमारी है. हर साल इससे 15 मिलियन लोग रेबीज पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) का शिकार होते हैं. भारत में 20 हजार मौतें सिर्फ पागल कुत्तों के काटने से होती हैं. वहीं भारत में 95 फीसदी से भी ज्यादा मौतें होती है. रैबीज से होने वाली मौतों का ये आंकड़ा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान (आईवीआरआई) बरेली ने जारी किया है.
जानवर काटे तो सबसे पहले क्या करें?
- नेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर किसी पागल कुत्ते ने काट लिया है तो उस घाव को हाथ से बिल्कुल टच न करें. उसे साफ पानी से धोएं या पानी की सीधी धार से धोएं.
- कुत्ता जिस जगह पर काटा है उसे बिल्कुल भी कवर न करें, वह ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इस दौरान मसालेदार खाना न खाएं. अगर आप सादा खाना खाएंगे तो जल्दी रिकवर करेंगे.
- कुत्ता काटने पर मसालेदार खाना, आचार, पापड़ या जंक बिल्कुल भी न खाएं, इससे मरीज की तबीयत और खराब हो जाती है.
- डॉक्टरों की मानें तो कुत्ते के काटने पर मरीज को मटन या चिकन आदि नॉनवेज चीजें खाने के लिए न दें.