आज World Antimicrobial Awareness Week का आखिरी दिन है। यह सप्ताह हर साल 18-24 नवंबर के बीच मनाया जाता है। इसकी पहल United Nations Environment Programme(UNEP), the World Health Organization (WHO), and the World Organisation for Animal Health (WOAH) ने की थी।
विश्व स्तर पर यह पहल हर साल नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में होती है, रोगाणुरोधी प्रतिरोध (antimicrobial resistance) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एंटीबायोटिक दवाओं के सही उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। World Health Organization (WHO) ने चेतावनी दी है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध विश्व भर में खतरा पैदा करता है। यह बैक्टीरिया, वायरस, और परजीवियों की दवाओं का विरोध करता है, जिससे संक्रमण के इलाज में चुनौतियां पैदा होती है। रोगाणुरोधी प्रतिरोध बहुत सारे कारणों कि वजह से हो सकता है। यह पहल एंटीबायोटिक दवाओं का सही उपयोग और अनुचित उपयोग, इसके साथ ही साथ ही जानवरों में उनका सही उपयोग करने कि लोगों को जानकारी देने में योगदान देता है। जसलोक हॉस्पिटल के जनरल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. हेमंत टैकर का कहना है कि एंटीबायोटिक्स से साइड इफ़ेक्ट होने की कई वजह हैं :-
1 दवाई समय से ना लेना।
2 दवाई को गलत तरह से लेना।
3 अपनी मर्ज़ी से दवाई के डोज को बढ़ाना या घटना।
4 बिना डॉक्टर की सलहा से दवाई लेना।
एंटी-बिओटिक्स लेते वक्त यह गलतियां कभी नहीं करनी चाहिए :–
सर्दी, जुखाम, या सिरदर्द की दवा लेने से बचिए।आपके घर में पहले से मौजूद किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर्स की सलहा जरूर ले। एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल जीवाणु संक्रमण bacterial infection के इलाज के लिए किया जाना चाहिए, वायरल संक्रमण के लिए नहीं। केवल डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएँ लेना और उन्हें निर्धारित समय पर लगातार लेना जरुरी है।