सर्दी में तापमान बढ़ने के साथ पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़नी लगती हैं। दरअसल, ये ठंड लगने की वजह से होता है जिसमें कि तापमान का कम होना पेट की गतिविधियों को प्रभावित करने लगता है और डाइजेशन को स्लो कर देता है। इससे पेट के साथ आंतों की गतिविधियां भी धीमी पड़ जाती हैं और पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। साथ ही कई बार ठंड लगना बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों का कारण बनने लगता है जिसकी वजह से फूड पॉइजनिंग और गैस्ट्रोएंटेराइटिस की बीमारी होने लगती है। इससे शरीर में कई प्रकार के लक्षण नजर आते हैं।
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पेट में ठंड लगने के लक्षण
- सबसे पहले पेट में अकड़न के साथ तेज दर्द होता है।
- पेट खराब रहता है और दस्त की समस्या बनी रहती है।ट
- उल्टी होती है और ज्यादा होने पर ये डिहाइड्रेशन का कारण भी बन सकता है।
- पाचन क्रिया प्रभावित हो सकता है और पेट में लंबे समय तक दर्द महसूस हो सकता है।
- मांसपेशियों में दर्द
- जी मिचलाना
- फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
- असंतुलित ब्लड शुगर जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
- सिरदर्द और बुखार भी हो सकता है।
पेट में ठंड लगने के उपाय
पेट की सिंकाई करें
पेट में ठंड लगने इसकी सिंकाई करना इस लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है। ये पेट में दर्द और मरोड़ की समस्या को कम करने में मदद करता है। साथ ही ये ठंड लगने के लक्षणों को भी कम करने में मददगार है।
हींग का पानी पिएं
हींग का पानी एंटी इंफ्लेमेटरी है और पेट के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। ये पेट में मरोड़ और दर्द को कम करता है और डाइजेशन को सही करता है। इसके अलावा सर्दी में ठंड लगने की स्थिति में भा इसका पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है।
तुलसी, अजवाइन और शहद का सेवन करें
तुलसी, अजवाइन और शहद का सेवन पेट में ठंड को लगने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। ये मतली और उल्टी जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करता है। तो, बस इन तमाम उपायों को करें और ठंड लगने से बचें।