स्वास्थ्य और बीमारियां

सोते समय गिरने जैसा क्यों महसूस होता है? कहीं ये बीमारी तो नहीं

कभी-कभी जब आप गहरी नींद में होते हैं, तो अचानक झटके के साथ उठ जाते हैं। ऐसा लगता है कि किसी ने आपको धक्का दिया है, या आप कहीं ऊंचाई से नीचे गिर गए हैं। मेडिकल टर्म में इसे हाइपनिक जर्क कहा जाता है और यह वास्तव में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी हो सकता है। इस समस्या को स्लीप स्टार्ट या स्लीप ट्विच भी कहा जाता है। आइये जानते हैं हाइपनिक जर्क क्या है और इस समस्या से बाहर आने के लिए आपको क्या करना चाहिए?

रात को सोते वक्त खर्राटे लेना एक आम समस्या है, मगर नींद में एक दम से शरीर का झटके के समान हिलना और फिर गहरी नींद में सो जाना हाइपनिक जर्क कहलाता है। दरअसल, अधिकतर लोगों को सोते वक्त एक दम से गिरने की भावना महसूस होती है, जिसके चलते व्यक्ति हाइपनिक जर्क का सामना करता है।

हाइपनिक जर्क किसे कहते हैं

इस बारे में फिजीशियन और डायबेटोलॉजिस्ट, डॉ विपुल रुस्तगी बताते हैं कि सोने के दौरान मसल्स में होने वाली कॉट्रैक्शन के कारण हाइपनिक जर्क होता है। इसमें व्यक्ति को कहीं उंचाई से गिरने की भावना महसूस होती है। इसके चलते व्यक्ति को तेज़ हार्टबीट का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से व्यक्ति किसी भी उम्र में ग्रस्त हो सकता है।

इस बारे में डायटीशियन मनप्रीत कालरा बताती हैं कि शरीर में मैग्नीशियम की कमी हाइपनिक जर्क का कारण साबित होती है। इस समस्या से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखें। इससे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो मेंटेन रहता है। इसके अलावा शाम के वक्त कैफीन इनटेक से बचें। साथ ही दिनभर में कुछ वक्त योग और मेडिटेशन के लिए निकालें।

लाइफस्टाइल में करें ये बजलाव

मैगनीशियम रिच फूड खाएं
हाइपनिक जर्क से राहत पाने के लिए आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों, बादाम, सीड्स और होल ग्रेन फूडस शामिल करें। इससे नींद न आने की समस्या हल होती है। मसल्स कॉट्रैक्शन से राहत मिल जाती है और शरीर को सुकून की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से इन खाद्य पदार्थो को आहार में शामिल करने से शरीर स्वस्थ और हेल्दी बना रहता है।

सन एक्सपोज़र है ज़रूरी
सुबह उठकर 8 से 10 बजे के बीच 10 से 15 मिनट सन एक्सपोज़र मिलने से शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होती है। इससे शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ने लगता है और नींद में आने वाली बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है। शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होने से कैल्शियम एब्जॉर्बशन में मदद मिलती है।

मांसपेशियों के व्यायाम करें
दिनभर में कुछ देर योगाभ्यास करने से शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ने लगता है। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है। अनुलोम विलोम समेत डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ शरीर की मांसपेशियों को तनाव मुक्त कर सुकून प्रदान करने में मदद करती है। कुछ देर मेडिटेशन करना भी फायदेमंद साबित होता है।

कैफीन इनटेक कंट्रोल करें
शाम के बाद और रात को सोने से पहले चाय या कॉफी का सेवन करने से बचें। इससे मसल्स स्टीम्यूलेट होने लगते हैं, जिससे स्लीप क्वालिटी पर उसका असर पड़ने लगता है। सोने से 6 घंटे पहले चाय पीने से बचना चाहिए। दरअसल, कैफीन ब्रेन को एक्टिव बना देता है, जिससे हाइपनिक जर्क की समस्या बढ़ सकती है।

विटामिन बी 12 डिफिशिएंसी की जांच करवाएं
शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से थकान और आलस्य का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मसल्स पेन की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, शरीर में विटामिन बी 12 की उच्च मात्रा से नर्वस सिस्टम सुचारू बना रहता है। इसके अलावा रेड ब्ल्ड सेल्स भी प्रोडयूस होने लगते हैं।

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