एक नए शोध के मुताबिक पता चला है कि एशिया, यूरोप और अफ्रीका के देशों में हृदय संबंधी बीमारियों के कारण मौत का जोखिम सबसे ज्यादा हो सकता है। बीमारियों का मुख्य कारण उच्च रक्तचाप, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, आहार संबंधी जोखिम और वायु प्रदूषण हैं।
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शोधकर्ताओं ने 21 क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण किया जिसमें सामने आया कि हृदय रोगों के कारण वैश्विक स्तर पर मौत के मामले 1990 के 1.24 करोड़ से बढक़र 2022 में 1.98 करोड़ हो गए। यानी 32 साल में मौत के मामले 74 लाख बढ़ गए। ये इस प्रकार की बीमारियों की उच्च दर को दर्शाते हैं।
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आइएचएमई) के शोधकर्ताओं का कहना है कि ये आंकड़े वैश्विक जनसंख्या वृद्धि और उम्र बढऩे तथा रोके जा सकने वाले चयापचय, पर्यावरण, व्यवहार संबंधी जोखिमों को भी दर्शाते हैं।
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सबसे ज्यादा मृत्यु दर वाले क्षेत्र
शोधकर्ताओं के अनुसार प्रति 1 लाख लोगों पर उच्च रक्तचाप के कारण सबसे ज्यादा मृत्यु दर मध्य एशिया, पूर्वी यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के क्षेत्रों में पाई गई। आहार संबंधी जोखिम के कारण हृदय रोग की दर मध्य एशिया, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में सबसे ज्यादा पाई गई।
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स्वस्थ रखने के लिए उठाएं कदम
अमरीका के नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (एनएचएलबीआई) के निदेशक और शोध के लेखक जॉर्ज ए. मेन्सा का कहना है कि इस शोध के आधार पर स्थानीय रूप से प्रासंगिक डेटा का उपयोग कर हृदय को स्वस्थ रखने के कदम उठाए जा सकते हैं।