विटामिन, मिनरल्स, और हार्मोंस हमारे शरीर के सामान्य कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी सेहत सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकती है। बहुत से लोग सप्लीमेंट्स का उपयोग करके इनकी कमी को पूरा करने का प्रयास करते हैं, लेकिन क्या यह सही है? सचमुच, नेचुरल विटामिन, मिनरल्स, और हार्मोंस को बढ़ाना सेहतमंदी के लिए बेहतर हो सकता है, लेकिन समय-समय पर सप्लीमेंट्स का अत्यधिक उपयोग शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
ये सप्लीमेंट हैं टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के लिए यूज होने वाली दवा। शरीर में जब टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है तो कई बार टेस्टोस्टेरोन बूस्टर दिया जाता है या लोग खुद ही उसे लेने लगते हैं।
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टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट की जरूरत क्यों होती है?
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह हार्मोन न केवल कामेच्छा और यौन क्षमता को नियंत्रित करता है, बल्कि शारीरिक संरचना, मांसपेशियों की मजबूती और स्मृति दोष को भी संतुलित रखता है। इसकी कमी से शीघ्रपतन, एकाग्रता में कमी, शारीरिक कमजोरी और उदासी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में भी कई मामलों में इसकी आवश्यकता होती है, जब वे सेक्सुअली एक्टिविटी में कमी महसूस करती हैं।
टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट के नुकसान
टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट्स के प्रयोग से जुड़े संभावित नुकसानों का अध्ययन महत्वपूर्ण है। यह सप्लीमेंट्स सीधे ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे खून का थक्का गाढ़ा हो जाता है और थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। ये थक्के ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैराइलसिस जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे ब्लड क्लाटिंग की संभावना में भी बढ़ोतरी हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।