Stomach Ulcers: अनियमित तरीके से खान-पान की आदत और सिगरेट, शराब के अधिक सेवन के कारण गैस्ट्रिक समस्या ज्यादा होती है, जिसकी वजह से पेट में घाव या छाले हो जाते हैं, जिसे अल्सर या पेप्टिक अल्सर कहा जाता है। पेट में अल्सर होने पर अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो यह कैंसर का भयानक रूप ले सकता है। आंतों एवं पेट के आंतरिक सतह के एसिड के संपर्क में आने पर यहां घाव बनने लगते हैं।
हेलिकोबेक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण भी पेप्टिक अल्सर होता हैं। इसके शुरुआती लक्षण काफी हल्के होते हैं और जब तक यह अल्सर पूरी तरीके से फैल नहीं जाता तब तक इसकी पहचान करना मुश्किल है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार दुनिया भर में केवल 10 प्रतिशत लोगों को ही जिंदगी में एक बार पेट में अल्सर की बीमारी हो सकती है। ज्यादा स्ट्रेस लेने के कारण भी पेट में अल्सर जैसी समस्या पनप सकती है। कई बार पेट में अल्सर की दिक्कत बेहद दर्दनाक हो सकती है।
पेप्टिक अल्सर होने के लक्षण | Stomach Ulcers
पेट में अल्सर होने के दौरान नाभि के ऊपर या ऊपरी पेट में दर्द और जलन महसूस होता है। खाली पेट या खाना खाने के बाद ये दर्द अधिक बढ़ सकता है। गैस, अपच, उल्टी और मतली जैसी समस्या, पेट में सूजन, एसिड रिफ्लक्स यानी खट्टी डकारें, एनीमिया, जल्दी थकान महसूस होना, सांस लेने में दिक्कत, काले रंग का मल और कब्ज जैसे लक्षण पेट में अल्सर होने पर नजर आ सकते हैं। ये परेशानियां अगर लगातार बनी रहती है तो इन संकेतों अनदेखा करने की गलती ना करें।
पेट में अल्सर होने के कारण | Stomach Ulcers
पेट में अल्सर होने की वजह नॉनस्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाएं और हेलिकोबेक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया इंजेक्शन का ज्यादा उपयोग करना बताया जाता है। वहीं, बुखार, खांसी और जुकाम होने पर जो लोग जल्दी-जल्दी एंटीबायोटिक दवाइयां खाते हैं उन्हें भी अल्सर की समस्या होने का खतरा होता है। इसलिए मेडिकल प्रिसक्रिप्शन के बगैर कभी दवाइयों का सेवन करने से बचना चाहिए। पेट में अल्सर होने के लिए यह दो कारण ही मुख्य माने जाते हैं।
अल्सर में क्या खाएं और क्या करें परहेज | Stomach Ulcers
क्लीवलैंड क्लीनिक की एक रिसर्च के मुताबिक इस कंडीशन में चाय-कॉफी, कुकीज, रिफाइंड ऑयल, खट्टी चीजें, प्रोसैस्ड फूड्स, मस्टर्ड सीड्स, टमाटर, जायफल और बहुत गर्म या बहुत ठंडी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। रेगुलर दही का सेवन करने से पेट के अल्सर में राहत मिलती है और इसके होने के चांसेस काम होते हैं। अल्सर होने पर प्रोबायोटिक, प्रोबायोटिक्स, सेब, तोरी, लौकी, गाजर, ब्रोकली, गोभी, फर्मेंटेड फूड और चोकर युक्त आटे को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। यह इस सभी इस बीमारी को खत्म करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
तेजी से वजन कम होना | Stomach Ulcers
अल्सर की शिकायत होने पर भूख कम लगती है और कम खाना- खाने पर भी पेट भरा-भरा महसूस होता है। सीने में जलन रहती है और अगर मल का रंग गहरा हो जाए या मल में खून आने लगे तो यह प्रमुख लक्षण गंभीर अवस्था को दर्शाते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय भी असरदार साबित होते हैं।
पेट दर्द और एसिड रिफ्लेक्स | Stomach Ulcers
पेट के अल्सर की वजह से होने वाला दर्द अक्सर पेट में जलन और सूजन की समस्या पैदा करता है। इसमें कई घंटे दर्द बना रह सकता है। कुछ अपच की दवाओं को लेने से यह दर्द कुछ समय के लिए कम हो सकता है लेकिन अगर सही इलाज ना मिले तो दर्द लौट भी सकता है। बिना वजह अगर आपको लगतार एसिड रिफ्लेक्स की समस्या महसूस हो रही है तो ये पेप्टिक अल्सर के गंभीर लक्षण हो सकते है। अगर आपके पेट में अल्सर है तो एसिड रिफ्लेक्स उसको ट्रिगर कर सकता है।