स्वास्थ्य और बीमारियां

कोरोना का कुछ इस तरह पता लगाएगा AI, RT-PCR से भी ज्यादा फायदेमंद

ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने एक ऐसी AI प्रणाली विकसित की है जो चेस्ट एक्स-रे से कोविड-19 की तेजी से पहचान कर सकती है। इसकी सटीकता 98% से भी ज्यादा है और इसे वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले RT-PCR टेस्ट से भी ज्यादा फायदेमंद बताया जा रहा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी डेटा साइंस इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर अमीर एच गंदोमी के मुताबिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के गंभीर प्रभाव को देखते हुए, इस वायरस का पता लगाने के लिए प्रभावी ऑटोमेटेड टूल्स की सख्त जरूरत थी। उन्होंने कहा, “कोविड-19 के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला टेस्ट, रियल-टाइम पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) धीमा और महंगा हो सकता है, और गलत निगेटिव रिजल्ट भी दे सकता है। एक निदान की पुष्टि करने के लिए, रेडियोलॉजिस्ट को मैन्युअल रूप से सीटी स्कैन या एक्स-रे की जांच करनी होती है, जो समय लेने वाला और गलतियों से भरा हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “नई AI प्रणाली उन देशों में विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है जहां कोविड-19 का स्तर बहुत ज्यादा है और रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। चेस्ट एक्स-रे पोर्टेबल व्यापक रूप से उपलब्ध हैं और सीटी स्कैन की तुलना में आयनकारी विकिरण के जोखिम को कम करते हैं।” कोविड-19 के आम लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और गले में खराश शामिल हैं, लेकिन कोविड-19 को फ्लू और अन्य प्रकार के निमोनिया से अलग करना मुश्किल हो सकता है।

नई AI प्रणाली “साइंटिफिक रिपोर्ट्स” जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में विस्तार से है, एक गहन शिक्षण-आधारित एल्गोरिद्म का उपयोग करती है जिसे कस्टम कनवोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (कस्टम-CNN) कहा जाता है। यह एल्गोरिदम एक्स-रे छवियों में कोविड-19 के मामलों, सामान्य मामलों और निमोनिया के बीच जल्दी और सटीक रूप से अंतर करने में सक्षम है।

प्रोफेसर गंदोमी ने कहा, “गहन शिक्षण एक एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है, जिससे बायोमार्करों की मैन्युअल खोज की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। कस्टम-CNN मॉडल पता लगाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, जिससे कोविड-19 का तेज और अधिक सटीक निदान किया जा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “यदि कम संवेदनशीलता के कारण पीसीआर टेस्ट या रैपिड एंटीजन टेस्ट एक नकारात्मक या अनिर्णायक परिणाम दिखाता है, तो वायरस की उपस्थिति की पुष्टि या उसे खारिज करने के लिए रोगियों को रेडियोलॉजिकल इमेजिंग के माध्यम से आगे की जांच की आवश्यकता हो सकती है। इस स्थिति में, नई AI प्रणाली फायदेमंद साबित हो सकती है।”

कस्टम-CNN मॉडल का मूल्यांकन एक व्यापक तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से किया गया था, जिसमें प्रदर्शन मानदंड के रूप में सटीकता का उपयोग किया गया था। टीम ने बताया कि परिणामों से पता चलता है कि नया मॉडल अन्य AI डायग्नोस्टिक मॉडल से बेहतर है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button