कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है। हर साल दुनियाभर में लाखों महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के कारण अपनी जान गंवा देती हैं। पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में असामान्य वृद्धि हुई है। इसके पीछे अनियमित जीवनशैली, प्रजनन के समय को लेकर बदलती प्राथमिकताएं और हार्मोनल असंतुलन आदि को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए आपको अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए। इसके अलावा, कुछ योगासनों को अपने डेली रूटीन में शामिल करके महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम कर सकती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि जो महिला नियमित रूप से योगासन या एक्सरसाइज आदि करती हैं, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम होती है। आज इस लेख में हम कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बताने जा रहा हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
मार्जरी आसन
- इस योगासन को करने के लिए वज्रासन में बैठ जाएं।
- अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर आगे की ओर रखें।
- अपने दोनों हाथों पर भार डालते हुए, अपने हिप्स को ऊपर उठाएं।
- अपनी जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं।
- अब सांस भरते हुए, अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें और टेलबोन को ऊपर उठाएं।
- अब अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए, अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं और मुंह की ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें।
- इस स्थिति में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें।
- अब फिर से अपने सिर को पीछे की ओर करें।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
Also Read – सर्वाइकल की समस्या से निजात दिलायेगी ये थैरेपी, जरूर ट्राई करें
शलभासन
- इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों पैरों को सटा कर रखें।
- अब अपनी दोनों हथेलियों को दोनों जांघों के नीचे रखें।
- अब सांस भरते हुए अपने पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस स्थिति स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक रहें।
- फिर अपनी प्रारंभिक मुद्रा में लौट आएं।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
मत्स्यासन
- इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- इसके बाद बाएं पैर के उंगुलियों को दाएं हाथ और दाएं पैर को बाएं हाथ से पकड़ें।
- इस दौरान अपनी दोनों कोहनियों को जमीन पर टिका लें।
- इसके साथ ही, घुटने भी जमीन के साथ लगने चाहिए।
- अब गहरी सांस लें और सिर को पीछे की तरफ ले जाएं।
- इस अवस्था में सांस लें और छोड़ें।
- आप इस स्थिति में कुछ सेकेंड तक रुक सकते हैं।
- इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- आप इस आसन को 3-5 बार दोहरा सकते हैं।