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खतरे में हैं आपके बच्चे के ‘दिल’ की सेहत! ये एक लापरवाही कम कर सकती है उसकी उम्र

Obesity in Kids: बचपन को बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए स्वस्थ मूल आधार माना जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ बच्चों को नियमित रूप से पौष्टिक आहार देने, उन्हें बाहर खेलने के लिए भेजने, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ, कई अध्ययनों में बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या को लेकर चिंता जताते रहे हैं। अधिक वजन या मोटापा के शिकार बच्चों में न सिर्फ कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है, साथ ही बचपन की ये एक समस्या उनकी उम्र भी घटा सकती है।

Obesity: हर आठवां इंसान इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या का शिकार, स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी परेशान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों में मोटापा की समस्या न केवल गंभीर स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ाने वाली हो सकती है, बल्कि इसे भविष्य के लिए भी कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण माना जाता है। मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मोटापा के शिकार बच्चों में सामान्य वजन वाले बच्चों की तुलना में कई तरह की क्रोनिक बीमारियों के विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है। कम उम्र में मोटापा के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को समझने के लिए किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ये समस्या समय से पहले मौत का भी कारण बन सकती है।

महामारी के रूप में उभर रहा मोटापा | Obesity in Kids

एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनियाभर में 880 मिलियन (88 करोड़) से अधिक लोग मोटापा से पीड़ित हैं। इसमें 160 मिलियन (16 करोड़) से अधिक लोग पांच से 19 की आयु वाले हैं। ये संख्या लगातार बढ़ रही हैं, जिससे युवा पीढ़ी के बीच मोटापा एक ‘महामारी’ के रूप में बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापे के लिए भले ही कोई भी कारण जिम्मेदार क्यों न हो, ये कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है। बचपन में मोटापा के कारण युवावस्था में हृदय रोग, डायबिटीज, लिवर की बीमारियों सहित संपूर्ण स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है।

कई बीमारियों को बढ़ावा देता है मोटापा | Obesity in Kids

अधिक वजन या मोटापा की समस्या को हृदय रोगों के लिए प्रमुख जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है। वजन अधिक होने के कारण शरीर को रक्त का संचार ठीक रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके अलावा मोटापा को उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे हृदय रोग के जोखिम कारकों को भी बढ़ावा देने वाला माना जाता है। इसी से संबंधित साल 2023 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि हाई बीएमआई वाले बच्चों में वयस्कता में हृदय रोग होने की आशंका 40% अधिक होती है। हृदय रोगों को वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारकों में से एक माना जाता है।

हृदय रोग और डायबिटीज का बढ़ रह खतरा | Obesity in Kids

हृदय रोग और डायबिटीज दोनों की समस्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ती देखी जा रही है। कम उम्र में मोटापा की दिक्कत, भविष्य में इन दोनों ही बीमारियों को बढ़ाने वाली हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकती है, जिस वजह से शरीर में ग्लूकोज का स्तर काफी तेजी से बढ़ने लगता है।  शोध से पता चलता है कि मोटापा से ग्रस्त बच्चों में कम बीएमआई वाले बच्चों की तुलना में मधुमेह विकसित होने की आशंका अधिक देखी जाती रही है। गौरतलब है कि डायबिटीज की समस्या, हृदय रोगों का भी कारण बन सकती है। इसके अलावा इससे किडनी की बीमारी, आंखों को रोशनी कमजोर होने और तंत्रिकाओं में क्षति होने जैसी जटिलताओं का जोखिम भी अधिक हो सकता है।

क्रोनिक बीमारियों को बढाता है मोटापा | Obesity in Kids

बचपन में मोटापा की समस्या क्रोनिक बीमारियों को तो बढ़ाती ही है साथ ही ये स्थिति आपकी कुल उम्र को भी कम करने वाली हो सकती है। इसी से संबंधित स्वीडिश वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि बचपन में मोटापा होने से 55 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु का जोखिम दोगुना हो सकता है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बच्चों सहित सभी उम्र के लोगों में मोटापा को कम कम करने के प्रयास करने पर जोर दिया है।

बच्चों में मोटापे की समस्या है ‘घातक’, Dr. Sushama Nishant Upadhyay की Tips कीजिए Follow

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