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छोटे बच्चों को आती हैं ज्यादा हिचकी, Doctor ने बताया इसका कारण

नवजात शिशु और छोटे बच्‍चों को बहुत ज्यादा हिंचकियां आती हैं. उन्हें कुछ-कुछ मिनट पर ही हिंचकियां आती हैं. ऐसा होना काफी नॉर्मल होता है. माना जाता है कि प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही से मां के गर्भ में ही शिशु हिचकियां लेने लगता है.

ऐसा कहा जाता है कि बच्चे के हिचकी लेने से उनकी भूख बढ़ती है हालांकि, ये कारण स्पष्ट नहीं है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नवजात या बच्चों की रुटीन या खाने की हैबिट्स के कारण उन्हें हिचकियां आ सकती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर छोटे बच्चों को हिचकियां क्यों आती हैं, इसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए. चलिए जान लेते हैं…

बच्चों को हिचकी आना नॉर्मल

विक्टोरिया गवर्मेंट हॉस्पिटल जबलपुर के पीडियाट्रिशियन डॉक्टर नंदन शर्मा का कहना है कि बच्चों को हिचकी आने पर परेशान नहीं होना चाहिए, यह काफी नॉर्मल है. बच्चों को अपनी भूख का अंदाजा नहीं होता जिसकी वजह से वह अपनी भूख से ज्यादा दूध पी लेते हैं और जिसकी वजह से कई बार दूध फूड पाइप से निकलकर विंड पाइप में चला जाता है. इसे विंड पाइप से निकालने के लिए बच्चे हिचकी लेते हैं.

डॉ शर्मा के मुताबिक, बच्चों को दूध पिलाने के बाद डकार दिलाना जरूरी है. इसके अलावा यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि दूध पिलाने के बाद बच्चों को आधे घंटे तक सीधा ना लेटाएं. दरअसल जब बच्चों की ग्रोथ होती है, तब हिचकी की समस्या कम होने लगती है. हिचकी की शुरुआत ब्रेन को डायाफ्राम से जोड़ने वाली तंत्रिका से होती है. इसे कई चीजों से बंद भी किया जा सकता है.

क्यों आती है नवजातों में हिचकी

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में हिचकी आने का कोई एक कारण नहीं है. बच्चों को एक साथ ज्यादा फीडिंग कराने से उनका पेट फूल जाता है, जिससे डायाफ्राम फैलने या सुकड़ने लगता है और उन्हें हिचकी आने लगती है. कई बच्चे जल्दी-जल्दी फीड करते हैं, जिससे दूध उनके फूड पाइप में फंस जाता है और उन्हें ब्रीदिंग प्रॉब्लम होने लगती है. इस वजह से भी हिचकी आ सकती है. बच्‍चों में प्रोटीन की वजह से फूड नली में सूजन भी आ सकती है, जिससे डायफ्राम की समस्या होती है और हिचकी आ सकती है.

बच्चों की हिचकी रोकने का उपाय

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बड़ों की तरह बच्चों में भी हिचकी कुछ समय में अपने आप ही बंद हो जाती है, इसलिए जब भी हिचकी आए तो कुछ देर इंतजार करें. उन्हें थोड़ा-थोड़ा करके फीड करवाएं. हिचकी आने पर थोड़ी देर सहारा देकर बैठाएं. इससे बच्चों को काफी आराम मिलेगा.

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