सर्दी के मौसम में लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। तापमान कम होने की वजह से उनकी तकलीफ गंभीर रूप ले सकती है। ऐसी ही एक समस्या है बवासीर या पाइल्स, इसे आमतौर पर हेमोरॉयड्स भी कहा जाता है। यह पाइल्स ब्लोटिंग, गैस, एसिडिटी की भी वजह बन सकता है।
सर्दी में पाइल्स होने का कारण
सर्दी की वजह से कई बार कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। पानी कम पीने या डीहाइड्रेशन की समस्या भी पाइल्स की तकलीफ को बढ़ा देती है। इसकी वजह से ब्लीडिंग जैसी जटिलता बढ़ जाती है। दूसरी ओर, ठंडे तापमान के संपर्क में आने से ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकती हैं। इससे प्रभावित क्षेत्र में ब्लड फ्लो कम हो सकता है। यह कॉन्सट्रिक्शन बवासीर के बढ़ने या बिगड़ने में योगदान कर सकता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए पहले से ही बचाव के समुचित उपायों को अपनाएं।
बचाव के लिए अपनायें ये उपाय
पानी का सेवन करें
सर्दी के मौसम में कब्ज बढ़ने का एक प्रमुख कारण होता है पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करना। हमें लगता है कि बाहर ठंड है और इस वजह से हमें प्यास भी नहीं लग रही है। नतीजतन हम कम पानी पीते हैं। डीहाइड्रेशन के कारण मल अधिक सख्त हो जाता है। यह मलत्याग को मुश्किल बना देता है। इसकी वजह से पाइल्स की समस्या और भी गंभीर हो जाती है। इस तकलीफ से बचने के लिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करते रहें। हर दिन कम से कम आठ गिलास पानी पिएं। कोशिश करें कि गरम पेय पदार्थ जैसे हर्बल चाय आदि रूटीन में शामिल करें, ताकि नियमित मल-त्याग की आदत में सुधार हो।
Also Read – कोरोना से भी खतरनाक वायरस ने बढ़ाई चिंता, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक
नियमित व्यायाम करें
नियमित व्यायाम करना सेहत के लिए तो अच्छा होता ही है। इसके चलते पाइल्स तथा कब्ज जैसी तकलीफों से भी बचाव किया जा सकता है। शारीरिक गतिविधियों से श्रोणि या पेल्विक (Pelvic) मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इससे मल-त्याग में मदद मिलती है। हर दिन के रूटीन में योग, दौड़, तेज-तेज चलने जैसी गतिविधियों को शामिल किया जा सकता है। पाइल्स से बचाव के उपाय करने पर पाचन तंत्र की सेहत भी बढ़िया होती है।
गुनगुने पानी से स्नान
गुनगुने पानी से स्नान करने से भी मल-त्याग में आसानी होती है। साथ ही, पाइल्स से जुड़ी तकलीफ भी घटती है। गुनगुने पानी का स्पर्श तनाव कम करता है, जिससे गुदा की मांसपेशियां रिलैक्स होकर मल-त्याग को आसान बनाती हैं। इसलिए इस मौसम में गुनगुने पानी से स्नान को रूटीन में शामिल करना चाहिए। खासतौर से मल-त्याग के बाद ऐसा करने का नियम बना लें।
अधिक फाइबर युक्त डाइट
अधिक रेशेदार यानी फाइबर युक्त खुराक से मल-त्याग को नियमित और आसान बनाने में मदद मिलती है। इसलिए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज तथा दालों से भरपूर भोजन करें। इससे मल-त्याग के दौरान आपको कम से कम पीड़ा होगी और कब्ज से बचा जा सके। हम अक्सर भारी, प्रोसेस्ड मील्स का सेवन करते हैं।इसलिए फाइबरयुक्त भोजन का सेवन करने पर ध्यान देना चाहिए।
लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से बचें
ठंड में समय-समय पर ब्रेक लेना जरूरी है। इसमें लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना शामिल है। लंबे समय तक बैठे रहने से मलाशय क्षेत्र में नसों पर दबाव बढ़ सकता है। यह बवासीर के विकास में योगदान देता है। दिनचर्या में फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करने से दबाव को कम करने में मदद मिलती है। इससे समग्र सर्कुलेशन हेल्थ को बढ़ावा मिलता है।