Marburg Virus Update: सेंट्रल अफ्रीका में स्थित देश रवांडा (Rwanda) में एक वायरस ने आतंक मचा रखा है, जिसका नाम है- मारबर्ग वायरस (Marburg virus). इस वायरस से जुड़ा पहला केस 27 सितंबर को आया था। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 27 सितंबर से अब तक इसके 58 मामले सामने आ चुके हैं और इस वायरस से कुल 13 मौतें भी हुई हैं। मरने वालों में सबसे अधिक हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं।
वैसे तो भारत में इस वायरस से जुड़ा एक भी केस नहीं है, लेकिन फिर भी जागरूकता जरूरी है। ऐसे में आज हम मारबर्ग वायरस के बारे में डॉक्टर से जानेंगे कि यह वायरस क्या है?, ये कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या हैं? और, मारबर्ग वायरस से बचाव और इलाज कैसे किया जाए?
क्या है मारबर्ग वायरस? (What is Marburg Virus)
गुरुग्राम स्थित पारस हेल्थ में इंफेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉक्टर आकाशनील भट्टाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया, नाम से ही पता चल रहा है कि ये बीमारी एक वायरस से फैलती है। इस वायरस का नाम मारबर्ग वायरस है। ये एक वायरल हेमरेजिक फीवर (Viral Hemorrhagic Fever) है। यह एक ऐसा वायरल इंफेक्शन है, जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से से खून निकल सकता है। ये खून नाक, मुंह, यूरिन और स्टूल के साथ आ सकता है। मारबर्ग वायरस एक जानलेवा बीमारी है। अगर ये 100 लोगों को होती है तो उनमें से करीब 80 से 90 लोगों की मौत हो जाती है यानी इसमें मृत्यु दर बहुत अधिक है।
कैसे फैलता है ये वायरस?
मारबर्ग वायरस कई तरीकों से फैल सकता है, जैसे- संक्रमित व्यक्ति के सामने बैठकर बात करने से, उसके बॉडी फ्लूइड, जैसे यूरिन, थूक, पसीने और खून के संपर्क में आने से। इन सबसे ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में पहुंच सकता है। इस वायरस से रवांडा में जितनी मौतें हुई हैं, या जो लोग संक्रमित हुए हैं। उनमें से अधिकतर हेल्थकेयर से जुड़े हैं, जैसे डॉक्टर्स, नर्सेज़ और पैरामेडिक्स। ये वायरस खतरनाक और बहुत ज़्यादा संक्रामक है।
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मारबर्ग वायरस के लक्षण (Marburg Virus Symptoms)
मारबर्ग वायरस, इबोला वायरस से मिलता-जुलता है। दोनों के लक्षण लगभग समान हैं। जिस व्यक्ति को भी मारबर्ग वायरस होता है, उसे बुखार आता है। बहुत तेज सिरदर्द होता है। मांसपेशियों में दर्द होता है। उल्टी आती है और डायरिया हो जाता है।
मारबर्ग वायरस से बचाव और इलाज
ऐसा देखा गया है कि मारबर्ग वायरस अधिकतर सेंट्रल अफ्रीका के देशों में ही फैलता है। फिर वहां से इंसानों के जरिए दूसरे देशों और महाद्वीपों तक पहुंचता है। लिहाजा अगर कोई व्यक्ति रवांडा से भारत आ रहा है तो डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स आदि को सावधानी बरतनी चाहिए। अगर सेंट्रल अफ्रीका से भारत आए किसी यात्री को बुखार है, उसके शरीर के किसी हिस्से से खून आ रहा है तो उसे क्वारंटीन करना चहिए। दरअसल, ये जिन भी देशों में फैला है, अधितकर यात्राओं की वजह से ही फैला है। अभी तक इस वायरल इंफेक्शन से जुड़ी कोई दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए बचाव बहुत ज्यादा जरूरी है।