आपने एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच के बारे में सुना होगा. किसी भी बीमारी का इलाज करने के दौरान डॉक्टर इस तरह की जांच करवाते हैं, ताकि सही समस्या का पता लगाया जा सके. हड्डी टूटने पर एक्स-रे कराया जाता है, जबकि ब्रेन में कोई समस्या हो, तो सीटी स्कैन या एमआरआई कराई जाती है. एमआरआई शरीर के अलग-अलग हिस्सों की भी होती है.
जरूरत के अनुसार, डॉक्टर इन जांच को करवाते हैं. ये तीनों ही स्क्रीनिंग सुनने में एक जैसी लगती हैं, लेकिन इन सभी की तकनीक काफी अलग है. आइये इन तीनों के बारे में आसान भाषा में जानते हैं.
CT Scan
CT Scan को कम्प्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन कहा जाता है. इस स्कैन में शरीर के अंदर रेडिएशन भेजा जाता है, जिसके जरिए शरीर के ढांचे का कंप्यूटराइज्ड 360 डिग्री का इमेज बन जाता है. यह एक्स-रे की तरह नहीं होता है और इसमें काफी डिटेल तरीके से शरीर का स्कैन किया जाता है. सीटी स्कैन भी काफी तेज होता है और इसमें 1-2 मिनट का समय लगता है.
इमरजेंसी कंडीशन में सीटी स्कैन बेहद कारगर है. सीटी स्कैन के जरिए ब्लड क्लॉट, बोन फ्रैक्चर, ऑर्गन इंजरी की इमेजिंग की जाती है. हड्डियों के जो फ्रैक्चर एक्स-रे में डिटेक्ट नहीं हो पाते, वे फ्रैक्चर सीटी स्कैन में पता चल सकते हैं.
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MRI
MRI को मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग कहा जाता है. इस तकनीक में पावरफुल मैग्नेट यानी चुंबक के जरिए रेडियो वेव को पूरे शरीर में पास किया जाता है. इस दौरान शरीर के प्रोटॉन रिएक्ट करते हैं और बॉडी के स्ट्रक्चर की विस्तार से पिक्चर बना देते हैं. इसमें सॉफ्ट टिश्यू, नर्व और ब्लड वेसल्स की तस्वीर बन जाती है. एक्स-रे और सीटी स्कैन की तरह इसमें रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. एमआरआई करने में करीब 10 मिनट से कम समय लगता है. एमआरआई स्पोर्ट्स इंजरी और मस्कुलोस्केटल कंडीशंस में किया जाता है.
X-Ray
हॉपकिंस मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार X-Ray को रेडियोग्राफ भी कहा जाता है. यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें रेडिएशन को शरीर के अंदर भेजा जाता है. इसमें हड्डी और दांत जैसी कैल्शियम वाली जगहों से रेडिएशन आर-पार नहीं जाती है और इमेजिंग में ये जगह सफेद नजर आती हैं. जबकि शरीर के सॉफ्ट टिश्यूज से रेडिएशन आर-पार हो जाती है और उसकी इमेज ग्रे या ब्लैक नजर आती है. यह इमेजिंग की सबसे तेज और आसान तकनीक है. यह महज कुछ मिनट में हो सकती है और इसे फर्स्ट लाइन इमेजिंग कहा जाता है. हड्डियों के फ्रैक्चर, जॉइंट स्पेस, मिसअलाइनमेंट के लिए एक्स-रे करते हैं.