स्वास्थ्य और बीमारियां

एक बार लेनी होगी Vaccine, 9 साल तक इस बीमारी का झंझट खत्म

यूरेनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) यानी मूत्र मार्ग में किसी भी तरह के इंफेक्शन को कहा जाता है. इसमें किडनी, यूटेरस, ब्लैडर और यूरेथ्रा शामिल है. यानी पेशाब जहां-जहां से बनता है और जहां-जहां से गुजरता है, उन अंगों में यदि इंफेक्शन हो जाए तो इसे यूटीआई इंफेक्शन कहा जाता है.

आमतौर पर इन अंगों में जब बैक्टीरिया का हमला होता है तो इनमें इंफ्लामेशन होने लगता है जिससे पेशाब में कई तरह की दिकक्तें होती हैं. महिलाओं को इस परेशानी से ज्यादा दो-चार होना पड़ता है. लेकिन यदि सब कुछ ठीक रहा तो महिला-पुरुष दोनों को यूटीआई के कारण इतनी ज्यादा परेशानियों का सामना अब नहीं करना पड़ेगा. वैज्ञानिकों ने एक वैक्सीन इजाद की है जिससे यूटीआई की बीमारी पर अकुंश लगाया जा सकता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस वैक्सीन को एक बार लेने के बाद 9 सालों तक यूटीआई की बीमारी नहीं होगी.

पाइनएप्पल फ्लेवर्ड ओरल वैक्सीन है यह

खास बात यह है कि यह वैक्सीन इंजेक्शन के रूप में नहीं बल्कि ओरल स्प्रे के रूप में होगी. यानी जिस तरह से पोलियो की खुराक बच्चों को पिलाई जाती है, उसी तरह से यह वैक्सीन लोग ले सकते हैं. इसे एमवी140- MV140 नाम दिया गया है और उसे पाइनएप्पल फ्लेवर में बनाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन को एंटीबायोटिक के विकल्प के तौर पर भी आजमाया जा सकता है.

दरअसल, यूटीआई बीमारी मुख्यरूप से बैक्टीरिया के कारण ही होती है. इसलिए लोग इसमें एंटीबायोटिक दवा लेते हैं. लेकिन ज्यादा समय तक इसे लेने से एंटीबायोटिक बेअसर होने लगता है. यह स्टडी रॉयल बर्कशायर एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा की जा रही है. इसमें यूटीआई से पीड़ित 89 लोगों को एवी140 स्प्रे दिया गया. इनमें से 54 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन दिए जाने के बाद यूटीआई की बीमारी नहीं हुई. जिन लोगों को इंफेक्शन लगा भी, उनमें बहुत मामूली लक्षण देखने को मिले.

गेमचेंजर साबित होगा

डेली मेल की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वैक्सीन मुख्य रूप से चार तरह के बैक्टीरिया से शरीर को रक्षा दिलाती है. इनमें यूटीआई इंफेक्शन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ई-कोलाई बैक्टीरिया भी शामिल है. रिसर्च करने वाले प्रमुख कंसल्टेंट बॉब यांग ने बताया कि हम में से अधिकांश लोगों को जब भी यूटीआई होती है तब आमतौर पर ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके बाद लोग एंटीबायोटिक खाते हैं. लेकिन अगर यह वैक्सीन पूरी तरह से उम्मीदों पर खरा उतरी तो यूटीआई के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. इससे एंटीबायोटिक की जरूरत भी कम हो जाएगी.

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