एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस या एएमआर उन 10 सबसे बड़े स्वास्थ्य संकटों में से एक है जिनका खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है, ऐसा हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है। आईएएनएस (IANS) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सहित अन्य देशों के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचओ की निर्णय लेने वाली संस्था) में एक बार फिर दोहराया है कि एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस का जोखिम बढ़ रहा है।
WHO के महानिदेशक, डॉ. टेड्रोस घेब्रेयेसस ने कहा कि एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) बढ़ता हुआ एक गंभीर संकट है, जो पहले से ही वैश्विक स्तर पर होने वाली असामयिक मौतों का एक प्रमुख कारण है। विशेषज्ञों ने कहा कि हर एक मिनट में दो से अधिक लोगों की एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस के कारण मौत होती है। उन्होंने कहा, एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में सदियों की प्रगति को खत्म कर सकता है।
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भारत में कितना रिस्क
ग्लोबल एएमआर मीडिया अलायंस (GMA) की वैज्ञानिक समिति की संयोजक और सह-अध्यक्ष डॉ. कामिनी वालिया (Dr. Kamini Walia) ने कहा, एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) भारत सहित उन देशों में आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है जिन्हें निम्न और मध्यम आय वाले देशो की श्रेणी में रखा जाता है। यह मृत्यु दर को भी बढ़ा सकता है।
वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में वरिष्ठ एएमआर वैज्ञानिक डॉ. वालिया ने कहा, एशिया और अफ्रीका के कई देशों में दवाओं के प्रतिरोध से जुड़े मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। जबकि एएमआर के रोकथाम के प्रयासों की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।