अगर अक्सर आपको भी रात में हद से ज्यादा पसीना आता है या फिर आपका अचानक से वजन घटने लगा है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। ये इस बात का संकेत है कि हमारा शरीर किसी बीमारी को पहले ही समझ लेता है और इससे सावधान करने लगता है।अगर इसके संकेत सही समय पर समझ लिए जाएं तो समस्या को समय रहते ही खत्म किया जा सकता है।
इन्हीं में से एक संकेत है रात में पसीना आना या तेजी से वजन घटना। कभी-कभी ऐसा होना तो नॉर्मल होता है, लेकिन अगर ऐसी समस्या अक्सर ही होती है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये लिंफोमा (Lymphoma) के संकेत हो सकते हैं, जो एक तरह का कैंसर है।
कितना गंभीर है लिंफोमा?
कई बार वातावरण सामान्य रहने पर भी अक्सर लोग पसीने से तरबतर होकर उठते हैं। ठंडे इलाके में रहने वाले लोगों में भी ये समस्या हो सकती है। थकान न होने के बावजूद भी रात में खूब पसीना निकलता है। अगर ऐसा हो रहा है तो इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह लिंफोमा कैंसर हो सकता है, जो लिम्फोसाइट्स (RBC) को प्रभावित करता है।
लिंफोमा क्या है? (What is Lymphoma?)
हम सभी के शरीर में एक लसीका सिस्टम (Lymphatic System) होती है, जिसमें लिम्फ नोड्स (Lymph nodes), प्लीहा(Spleen), बोन मैरो (Bone Marrow) और थाइमस (Thymus) होते हैं। यहीं अलग-अलग ब्लड सेल्स बनते हैं। ये अंक कई तरह के इंफेक्शन से लड़ने के लिए बेहद जरूरी हैं। इनमें से किसी में भी होने वाला कैंसर लिंफोमा कहा जाता है।
लिंफोमा के कारण (Reason of Lymphoma)
लिंफोमा का अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चल सकता है। हालांकि, माना जाता है कि इसका जन्म लिम्फोसाइट्स नामक कुछ कोशिकाओं से होता है, जो बैक्टीरिया, वायरस से लड़ने में अहम भूमिका निभाती हैं। लिम्फोसाइट के विकसित होने के अलग-अलग फेज में होने वाले जेनेटिक बदलाव से म्यूटेशन होते हैं और इसी से तय होता है कि लिंफोमा किस तरह का है और इसका ग्रेड क्या है।
लिंफोमा के लक्षण (Symptoms of Lymphoma)
गर्दन, बगल या कमर में लिम्फ नोड्स में सूजन, जिसमें दर्द न हो।
लगातार थकान रहना।
बुखार आना।
रात में ज्यादा पसीना निकलना।
बिना कारण तेजी से वजन कम होना।
सांस लेने में तकलीफ।
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लिंफोमा का इलाज
लिंफोमा के प्रकार, स्टेज और ग्रेड पर इसका इलाज निर्भर करता है।
कीमोथेरेपी या कीमोइम्यूनोथेरेपी से इलाज।
कुछ मामलों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ती है।
हर इलाज फेल होने के बाद इम्यूनचेकपॉइंट इनहिबिटर और CAR-T थेरेपी।