How to do Mayurasana: मयूरासन या मोर मुद्रा, एक ऐसा आसन है, जो शरीर के पुराने से पुराने दर्द को दूर करने के साथ ही मसल्स को भी मजबूत बनाने में मददगार हो सकता है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने मयूरासन करने की विधि और इसके फायदों के बारे में जानकारी दी है. मयूरासन में शरीर का बैलेंस बनाए रखते हुए हथेलियों पर शरीर का वेट बैलेंस किया जाता है. इस आसन का नाम मयूर (मोर) से आया है, क्योंकि यह मुद्रा मोर की तरह दिखती है. मयूरासन में शरीर को जमीन से ऊपर उठाया जाता है, जिसमें कोहनियां पेट के पास होती हैं और पैर पीछे की ओर सीधे रहते हैं. यह आसन फिजिकल और मेंटल ताकत को बढ़ाने में मदद करता है.
मयूरासन कैसे करें | How to do Mayurasana
इसके लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठें. फिर दोनों हथेलियों को जमीन पर रखें और उंगलियों को पीछे की ओर रखें. कोहनियों को थोड़ा मोड़कर पेट के पास लाएं. अब धीरे-धीरे शरीर का वेट हथेलियों पर डालते हुए पैरों को पीछे की ओर सीधा करें. सिर को आगे रखें और पूरे शरीर को बैलेंस करने की कोशिश करें. शुरुआत में इसे कुछ सेकंड के लिए फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.
मयूरासन के फायदे | How to do Mayurasana
मयूरासन करने के एक नहीं, कई फायदे मिलते हैं. इससे डाइजेशन सिस्टम मजबूत होता है. मयूरासन पेट पर दबाव डालता है, जिससे कब्ज, अपच और वात जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है. इस आसन के करने से शरीर का वजन हथेलियों और कंधों पर होता है, जिससे कलाई और पैर के साथ ही पूरे शरीर की मसल्स मजबूत बनती हैं. मयूरासन पेट के सभी अंगों को मजबूत बनाने में मदद करता है. यह आसन पाचन को बढ़ाने में मदद करता है और ब्लड को शुद्ध करने में भी मदद करता है.

रोजाना इसे करने से क्या होता है? | How to do Mayurasana
रोजाना मयूरासन के प्रैक्टिस से शरीर बैलेंस रहता है और कंसंट्रेशन बढ़ती है, साथ ही मेंटल स्टेबिलिटी भी बढ़ती है. यही नहीं, मयूरासन शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है. यह आसन शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. यही नहीं, यह फेफड़ों के लिए भी बेहद फायदेमंद आसन है.
सावधानियां बरतें | How to do Mayurasana
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट इसे करने से पहले कुछ सावधानियों को बरतने की भी सलाह देते हैं. मयूरासन करने से पहले कलाई, कोहनी और पेट की मसल्स को गर्म करना जरूरी है. गर्भवती महिलाएं, हार्ट पेशेंट्स या कलाई में चोट वाले लोगों को इसे नहीं करना चाहिए.
