मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर या टीवी जैसे स्क्रीन पर बीतने वाला समय यानी स्क्रीन टाइम (Screen Time) बढ़ने को पूरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। अगर आप रोजाना इन स्क्रीन्स पर बहुत ज्यादा समय बिताते हैं तो इसके अल्पकालिक और दीर्घकालिक कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।अध्ययनों में पाया गया है कि बहुत अधिक स्क्रीन टाइम शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बच्चों में इस समस्या को तेजी से बढ़ते देखा जा रहा है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि स्क्रीन्स से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों को प्रभावित करती है, ये बच्चों में बढ़ती मायोपिया की समस्या का प्रमुख कारण माना जाता है। इसके अलावा मोबाइल, कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों में चिंता, तनाव जैसी कई प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है। अच्छी सेहत के लिए स्क्रीन पर कम से कम समय बिताने की सलाह दी जाती है।
स्क्रीन टाइम बढ़ने के कई नुकसान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि अधिक स्क्रीन टाइम शारीरिक स्वास्थ्य की समस्याओं जैसे गर्दन और पीठ में दर्द, झुकी हुई शारीरिक मुद्रा और मोटापे का कारण बन सकती है। यह हाई ब्लड प्रेशर जैसे हृदय संबंधी विकारों के जोखिम को भी बढ़ाने वाली समस्या है। इसके अलावा स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से तनाव और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य विकारों का भी खतरा रहता है।चूंकि, हम सभी मोबाइल और अन्य उपकरणों से घिरे रहते हैं।
आंखों में दर्द और थकान की समस्या
लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहने के कारण आंखों में जलन, खुजली, धुंधला दिखने और आंखों में दर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (Vision Syndrome) भी कहते हैं। मायोपिया की बढ़ती समस्या के लिए भी बढ़े हुए स्क्रीन टाइम को एक कारण माना जाता रहा है। अगर आपको भी आंखों में इस तरह की दिक्कतें हो रही हैं तो सावधान हो जाइए, ये बढ़े हुए स्क्रीन टाइम का संकेत हो सकता है।
नींद में आने लगी है कठिनाई
स्क्रीन टाइम बढ़ने का एक और दुष्प्रभाव नींद पर भी देखा जाता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन नामक हार्मोन के उत्पादन को बाधित करती है, जो नींद के चक्र को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होता है। इसके कारण आपको अनिद्रा, बार-बार नींद टूटने और गहरी नींद न आने की दिक्कत हो सकती है। अगर कुछ समय से आपको भी नींद में दिक्कत महसूस हो रही है तो संभव है कि ये स्क्रीन टाइम बढ़ने का परिणाम हो।
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ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है। विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में, अत्यधिक स्क्रीन टाइम से उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वे तेजी से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों के आदी हो जाते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया और वीडियो गेम्स आदि पर अधिक समय बिताने के कारण भावनात्मक अस्थिरता जैसे अधिक चिड़चिड़ापन, गुस्सा आने जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।