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महिलाओं में सबसे ज्यादा इन 3 तरह के Cancer का खतरा! कारण, लक्षण और जानें बचाव का तरीका

घर-परिवार की जिम्‍मेदारियों में उलझी महिलाएं कई बार अपने बारे में सोचना भूल जाती हैं। इस वजह से उनमें कई स्वास्थ्य समस्याएं घर करने लगती हैं। कई बार तो लापरवाही की वजह से ऐसी बीमारियां लग जाती हैं, जिसकी वजह से जान तक गवानी पड़ सकती है। ऐसी ही खतरनाक बीमारी कैंसर है, जिसका खतरा पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है। महिलाओं में खासतौर से 3 तरह के कैंसर सबसे ज्यादा होते हैं, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer), सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) और ओवरी कैंसर (Ovary Cancer) शामिल हैं।

अगर समय पर इनके लक्षणों को नहीं पहचाना और सही इलाज नहीं करवाया तो ये कैंसर जानलेवा भी हो सकते हैं। कई बार महिलाएं कैंसर के लक्षणों को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे कैंसर को डिटेक्ट होने में देरी हो सकती है। बता दें कि भारत में एक लाख में से 4.6 प्रतिशत महिलाएं ओवेरियन कैंसर से जान गंवा देती हैं।

ओवरी कैंसर के बारे में (About Ovary Cancer)

स्‍त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार, ओवरी कैंसर में 20 प्रतिशत मामलों में जेनेटिक फैक्टर वजह होती है, जिसमें एक जीन न्यूट्रीशन होता है- बीआरसीए-1 और बीआरसीए-2, इसमें म्यूटेशन होने के कारण होता है। बाकी 80 प्रतिशत में कैंसर होने के कारण पता नहीं चल पाते हैं।

ओवेरियन कैंसर के रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors of Ovarian Cancer)

डॉक्‍टर बताती हैं कि ओवेरियन कैंसर में कई रिस्क फैक्टर्स होते हैं, जिनका ध्यान में रखना चाहिए।

पहला है- उम्र, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है।

दूसरा- हार्मोनल इंबैलेंस होना (जिन्हें 13 साल से पहले पीरियड्स की शुरुआत हो जाए और 50 साल के बाद भी पीरियड्स होते हों।)

तीसरा- अगर पहला बच्चा 30 साल की उम्र के बाद हुआ है।

इनफर्टिलिटी की हिस्ट्री।

बार बार अबॉर्शन की हिस्ट्री।

मोटापा होना भी ओवेरियन कैंसर का खतरा पैदा करता है।

ऐसी महिलाओं में ओवेरियन कैंसर होने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं।

ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer)

एसिडिटी का एक महीने से ज्यादा समय तक चलना

कब्ज रहना

पेट को भरा-भरा लगना

अचानक कोई सूजन दिखने लगना

पेल्विक पैन होना

शरीर के निचले हिस्से में दर्द होना

बार-बार यूरिन आना

अचानक वजन कम होना

थकान महसूस होना

चेहरे पर हेयर ग्रोथ होना

अगर आपके शरीर में ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें और वो लंबे समय तक चलें तो आपको जल्द किसी अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

ओवेरियन कैंसर का पता कैसे लगाएं और क्या टेस्ट करवाएं?

अगर आपकी फैमिली में कैंसर की हिस्ट्री रही है तो आपको कैंसर का टेस्ट कराना चाहिए। परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर या ओवेरियन कैंसर रहा है तो आपको नियमित जांच करना जरूरी है। आपको 6 से 12 महीने में गायनेकोलॉजिस्ट से जांच करवानी चाहिए, जिसमें अल्ट्रासाउंड, जीन टेस्ट, ब्लड में ट्यूमर र्माकर जैसे टेस्ट किए जाते हैं। ये चेकअप कराने से कैंसर समय से डिटेक्ट होता है, जो समय से इलाज करने में मददगार है।

ओवेरियन कैंसर का इलाज और बचाव (Treatment of Ovarian Cancer)

डॉक्टर की मानें तो ओवेरियन कैंसर की 4 स्टेज होती हैं। स्टेज के हिसाब से सर्जरी और कीमोथेरेपी होती हैं। इस कैंसर से बचने के लिए जो महिला फीडिंग कराती हैं, उन्हें खतरा कम होता है। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को लेने से भी ओवेरियन कैंसर के चांसेस घटते हैं। लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव, हेल्दी डाइट, वजन कम करने से आप ओवेरियन कैंसर से बच सकते हैं।

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