स्वास्थ्य और बीमारियां

पैरों के आसपास दिखें ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान! किडनी डैमेज होने का हो सकता है संकेत

हम जब भी बीमार होते हैं तो सिर्फ गंभीर लक्षणों की ओर ध्यान देते हैं। मगर, शरीर कई बार खामोशी से गंभीर बीमारियों की चेतावनी देने लगता है। ऐसा ही कुछ होता है, जब किडनी खराब होने लगती है। किडनी शरीर की सफाई करने वाला सबसे महत्वपूर्ण अंग है और जब ये ठीक से काम नहीं करती तो सबसे पहले असर आपके पैरों में दिखाई देता है।बता दें कि अगर आपके पैर इस तरह के इशारे कर रहे हैं तो इस पर ध्यान देना जरूरी है। न की इसे देखकर अनदेखा करना, क्योंकि ये आपकी किडनी की सेहत से जुड़ा हुआ है।

पैरों में सूजन

अगर आप महसूस करते हैं कि सुबह उठते ही आपके पैरों, टखनों या पंजों में सूजन रहती है तो यह सामान्य थकान नहीं, बल्कि किडनी फेलियर का संकेत हो सकता है। जब किडनी शरीर से अतिरिक्त सोडियम को नहीं निकाल पाती तो ये पैरों में जमा हो जाता है।

पैरों में बार-बार ऐंठन

किडनी के खराब होने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो जाता है। इससे पैरों में मांसपेशियों की ऐंठन हो सकती है। अगर आप बिना किसी खास वजह के बार-बार क्रैम्प महसूस करते हैं, तो अलर्ट हो जाएं।

पैरों की त्वचा पर खुश्की और खुजली

किडनी का काम है शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना। जब ये काम धीमा पड़ता है, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे खासकर पैरों की त्वचा सूखने और खुजली करने लगती है।

पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन

किडनी की समस्या का असर नसों पर भी पड़ता है। अगर आपको पैरों में लगातार झनझनाहट, चुभन या सुन्नपन महसूस हो रहा है तो इसे अनदेखा न करें।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

अगर इन लक्षणों में से कोई भी लगातार 5-7 दिन तक दिखे तो देर न करें। तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। एक सिंपल यूरिन टेस्ट और ब्लड रिपोर्ट से किडनी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

समय से जागरूकता जरूरी

किडनी की बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और जब तक इसके लक्षण साफ तौर पर नजर आते हैं, तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है। इसलिए शरीर के छोटे-छोटे संकेतों को नजरअंदाज न करें, खासकर जब वो पैरों के ज़रिए मिले हों। समय रहते जागरूक होना ही सबसे बड़ी समझदारी है।

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