मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं मौजूदा समय में तेजी से बढ़ती गंभीर स्थितियां हैं, लगभग सभी उम्र के लोगों में इसका दुष्प्रभाव देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य विकारों को लेकर बड़ी चिंता ये है कि सामाजिक टैबू के कारण बड़ी संख्या में रोगियों को इलाज उपलब्ध नहीं हो पाता है।
ये विकार कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन आदि। अगर इनका समय पर उपचार न किया जाए तो इसके कारण कई तरह की गंभीर शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी जोखिम हो सकता है।
वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य विकारों को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य विकारों में स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्याओं को सबसे कॉमन माना जाता है, पर ये तीनों एक दूसरे से भिन्न स्थितियां हैं। कहीं आप भी तो इन्हें एक ही समस्या नहीं समझते आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि इनमें क्या अंतर है? सभी लोगों के लिए ये जानना जरूरी है।
सबसे पहले स्ट्रेस के बारे में जानिए
स्ट्रेस या तनाव होना सामान्य स्थिति है, यह परिस्थिजन्य हो सकता है। तनाव, भावनात्मक या शारीरिक समस्याओं के कारण हो सकती है। किसी घटना या विचार के कारण भी आपको तनाव हो सकता है, ज्यादातर स्थितियों में ये अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि अगर आपको लंबे समय तक स्ट्रेस की दिक्कत बनी रहती है और सामान्य उपायों से इसमें लाभ नहीं मिलता है तो इस बारे में किसी चिकित्सक से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
सरल शब्दों में समझें तो जब हम दबाव या खतरा महसूस करते हैं तो इसकी प्रतिक्रिया में तनाव होता है। यह आमतौर पर तब होता है जब हम ऐसी स्थिति में होते हैं कि हमें नहीं लगता कि स्थिति का प्रबंधन या नियंत्रण कठिन हो रहा है।
क्या है (Depression) डिप्रेशन?
अवसाद को मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या के तौर पर जाना जाता है, ये गंभीर चिकित्सीय बीमारी है जो आपके स्थितियों को महसूस करने के तरीके, सोचने और आपके कार्य करने के तरीके को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। अवसाद में उदासी की भावना बढ़ जाती है और आप उन गतिविधियों में रुचि खो सकते हैं जिनका आप पहले आनंद लेते थे।
डिप्रेशन की समस्या का बढ़ना आत्महत्या के विचारों को भी बढ़ाने वाली हो सकती है, ये स्थिति गंभीर समस्याकारक है जिसमें तुरंत किसी मनोचिकित्सक के सलाह की आवश्यकता होती है।
जाने क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एंग्जाइटी और डिप्रेशन की स्थिति में मुख्य अंतर इसके लक्षणों का होता है। अवसाद एक निरंतर उदासी की भावना है, जबकि स्ट्रेस और एंग्जाइटी क्षणिक हो सकती है, कुछ स्थितियों में इसके दीर्घकालिक दुष्प्रभावों का भी खतरा हो सकता है। इन विकारों के कई कारण हो सकते हैं, जिसको दूर करने के उपायों को लेकर गंभीरता से ध्यान दिए जाते रहने की आवश्यकता होती है। सभी उम्र के लोगों को अपने मन को स्वस्थ रखने के उपाय करते रहने चाहिए।