हाई बीपी की समस्या आजकल काफी आम होती जा रही है. शहरी इलाकों में तो ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है. खराब खानपान इस डिजीज के होने का एक बड़ा कारण है. चिंता की बात यह है कि अब बच्चे भी हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी का शिकार हो रहे हैं.
बच्चों में भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण खराब खानपान और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल ही है. आज के समय में बच्चों को भी स्मार्टफोन की लत लग रही है जिससे लाइफस्टाइल खराब हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में हाई बीपी के लक्षण शुरुआत में ही नजर आने लगते हैं. ऐसे में समय पर इनकी पहचान जरूरी है. ऐसा न करने से ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है.आइए जानते हैं कि हाई बीपी के बच्चों में क्या लक्षण है. इससे बचाव कैसे किया जा सकता है.
दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार शाह बताते हैं कि बच्चों में हाई बीपी की समस्या जेनेटिक कारणों से भी हो सकती है. 5 से 10 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर बढ़ने के कुछ केस देखे जाते है, हालांकि मामले बड़ों की तुलना में काफी कम हैं, लेकिन यह कहा जा सकता है कि 10 साल से कम उम्र में भी अब हाई बीपी की परेशानी देखी जा ही है. अगर इसके शुरुआती लक्षणों की बात करें तो हाई बीपी होने पर बच्चों में ये 5 लक्षण दिखते हैं.
ये होते हैं लक्षण
- उल्टी
- हार्ट बीट का बढ़ना
- सांस लेने में परेशानी
- अचानक सिर में तेज दर्द होना
- अचानक तेज पसीना आना
- इन बच्चों को रहता है रिस्क
दिल्ली में पीडियाट्रिशियन डॉ. राकेश कुमार बताते हैं कि जिन बच्चों में जन्म से ही हार्ट डिजीज होती है और जिनमें वजन ज्यादा रहता है उनको हाई बीपी की बीमारी होने का रिस्क रहता है. अगर बच्चा जन्म के समय से ही कमजोर है तो भी हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी की समस्या हो सकती है. ऐसे में इसके बचाव जरूरी है. अगर समय रहते बच्चों में हाई बीपी की समस्या का ट्रीटमेंट न कराएं तो इससे हार्ट की बीमारी होने का खतरा रहता है. गंभीर मामलों में बच्चों को स्ट्रोक का भी खतरा रहता है. ऐसे में इस समस्या को नजरअंदाज न करें.
कैसे करें बचाव
- बच्चों का वजन कंट्रोल में रखें
- नमक का सेवन कम कराएं
- बच्चा अगर कमजोर है तो खानपान का ध्यान रखें
- नियमित रूप से बच्चे का चेकअप कराएं
- अगर हाई बीपी के लक्षण है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें