गर्भावस्था

डिलीवरी के बाद हर साल 40 मिलियन महिलाएं जूझती हैं इन समस्याओं से

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में उनकी शरीर में कई तरह की असमानताएं भी आती हैं। महिलाओं में यह एक चिंता का विषय है। महिलाओं की सेहत को लेकर एक अहम स्टडी में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। अध्ययन में पाया गया है कि हर साल करीब चार करोड़ महिलाओं की तबियत प्रसव के बाद खराब होती है। खास और चिंता की बात ये है कि बच्चों को जन्म देने के बाद इन महिलाओं की तबियत लंबे समय तक खराब रहती है।

प्रसव के कारण होने वाली दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या के बारे में शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं की सबसे अधिक संख्या ‘संभोग के दौरान दर्द का अनुभव’ या डिस्पेर्यूनिया करने की श्रेणी में है। लांसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक हर साल लगभग 40 मिलियन यानि 4 करोड़ महिलाओं को प्रसव के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

क्या कहती है स्टडी?

स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक प्रसव के बाद हर साल 4 करोड़ महिलाओं को सेहत से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इसके चलते बहुत सी महिलाओं की तबीयत खराब हो जाती है। स्टडी में कुछ महिलाओं को शामिल किया गया, जिसके बाद देखा गया कि एक तिहाई यानि 35 प्रतिशत महिलाओं को प्रवस के बाद कठिनाई का सामना करना पड़ा था। वहीं, अन्य 35 प्रतिशत महिलाओं को डिस्पेर्यूनिया यानि संभोग के दौरान या बाद में जननांग में दर्द होने जैसी कठिनाई का सामना करना पड़ा था।

11 से 17 प्रतिशत महिलाएं डिप्रेशन से जूझती हैं

स्टडी के मुताबिक प्रसव के बाद महिलाओं में पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने जैसी समस्या भी शामिल है। शोध में शामिल होने वाली 32 प्रतिशत महिलाओं ने पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने का भी अनुभव महसूस किया है। यही नहीं, लगभग 8 से 31 प्रतिशत महिलाओं को पेशाब से जुड़ी समस्या का भी अनुभव महसूस हुआ है। वहीं, प्रसव के बाद 11 से 17 प्रतिशत महिलाएं डिप्रेशन से भी जूझती नजर आई हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, मातृ मृत्यु दर लगातार अधिक रहने के कारण कम आय और मध्यम आय वाले कई देशों में स्थिति और खराब हो सकती है। उच्च आय वाले देशों में इसका खतरा तुलनात्मक रूप से कम होता है। डब्ल्यूएचओ में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अनुसंधान के निदेशक डॉ. पास्केल एलोटे ने कहा, प्रसव के बाद कई शारीरिक बदलाव होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद लंबे समय तक महिलाओं को दैनिक जीवन में भावनात्मक और शारीरिक पीड़ा से जूझना पड़ता है। फिर भी इन परेशानियों के बारे में कम रिपोर्ट सामने आती है।

उन्होंने कहा, अपने पूरे जीवन और मां बनने के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य देखभाल की अधिक जरूरत होती है। इसका मकसद सेहत से जुड़ी परेशानी की गंभीरता को देखते हुए उन्हें प्रसव से बचाना है। डॉ. पास्केल एलोटे ने कहा, इसके अलावा महिलाओं की अच्छी स्वास्थ्य देखभाल और गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए भी उनकी सेहत से जुड़ी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझना जरूरी है।

डिलीवरी के बाद ये चीजें जरूर करें

  • ऐसी स्थिति में हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करने से बचें।
  • प्रसव के बाद आपको भरपूर मात्रा में पानी पीने के साथ ही पर्याप्त नींद भी लेनी चाहिए।
  • डिलीवरी के बाद स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए खुद को शारीरिक गतिविधियों में शामिल रखें।
  • डिलीवरी होने के बाद खान-पान को हेल्दी रखें। इसके लिए डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल करें।

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