पूरे दिन काम करने के बाद अगर आपको थकान का अनुभव होता है या आपके पैरों में सूजन आ जाती है। तो ऐसे में अब फुट मसाज आपके लिए मददगार साबित हो सकसता है। आपको बता दें, फुट मसाज केवल पैरों के फायदे तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह आपके पूरे शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। प्रेगनेंसी में भी महिलाओं को फुट मसाज से काफी आराम मिलता है। यह आपके शारीरिक तनाव को कम करने के साथ ही मानसिक तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
फुट मसाज के फायदों के बारे में इंटरनेशनली सर्टिफाइड योग टीचर, ललिता तिवारी से जानते हैं कुछ खास टिप्स –
फुट मसाज के कुछ महत्वपूर्ण फायदे
तनाव को कम करे
फुट मसाज पैर एवं शरीर के तनाव को कम करने के साथ ही मानसिक तनाव से राहत देता है। मेंटल स्ट्रेस लेने से आपकी मांसपेशियां स्टिफ हो जाती हैं जिससे आपको बेवजह थकान का अनुभव होता रहता है। ऐसे में अगर आप फुट मसाज लेते हैं तो बॉडी पर प्रेशर कम होता है और मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं, जिससे स्ट्रेस भी कम कर हो जाता है। रिसर्च के मुताबिक कैंसर के मरीजों को एंग्जाइटी कम करने के लिए फुट मसाज सेशन दिया जाता है।
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ब्लड प्रेशर को सामान्य रखे
यदि आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो फुट मसाज आपकी मदद कर सकता है। ब्लड प्रेशर की दवाइयों के साथ-साथ फुट मसाज लेने से आपको स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित स्टडी के अनुसार, फुट मसाज बॉडी में हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन को प्रमोट करता है, इसके अलावा यह बॉडी को कॉम रखता है। जिससे कि हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति सामान्य रहती है।
ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा दे
फुट मसाज सबसे पहले ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, जिससे हमारे शरीर को तमाम अन्य फायदे प्राप्त होते हैं। पैर हमारे शरीर के पूरे भार को मैनेज करता है, ऐसे में समय-समय पर इन्हें पैम्पर करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। फुट मसाज सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हुए मांसपेशियों में आई अकड़न से राहत प्रदान करता है। वहीं हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन आपके पैरों की सेहत को बेहतर बनाए रखता हैं, जिससे कि क्रैक हिल्स, ड्राइनेस और मसल्स में गांठे पड़ने जैसी समस्याएं आपको परेशान नहीं करती हैं।
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PMS के लक्षण में सुधार करे
बहुत सारी महिलाएं ऐसी हैं, जो PMS से परेशान रहती हैं। इस स्थिति में पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग, मूड स्विंग्स, हार्मोनल समस्याएं और कमजोरी का एहसास होता है। उस स्थिति में फुट मसाज आपकी मदद कर सकता है। वहीं मेनोपॉज के दौरान भी महिलाएं फुट मसाज की मदद से अपनी परेशानियों को नियंत्रित रख सकती हैं। फुट मसाज बॉडी प्रेशर और स्ट्रेस को कम कर देता है, जिससे कि आपको रिलैक्सेशन का एहसास होता है। ऐसे में PMS और मेनोपॉज के दौरान बॉडी को रिलैक्स रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
पैरों को स्वस्थ रखे
हमारे पैर धूल, गंदगी के संपर्क में सबसे ज्यादा आते हैं। ऐसे में पैरों में काफी ज्यादा ड्राइनेस हो जाती है, वहीं एड़ियां भी फटने लगती हैं। इस स्थिति में फुट मसाज करने से इन सभी स्थितियों में सुधार होता है। हम फुट मसाज के लिए कोकोनट या किसी अन्य तेल का इस्तेमाल करते हैं, जो पैरों को पर्याप्त नमी प्रदान करती हैं और इसमें मॉइश्चर को बरकरार रखती हैं। इसके अलावा हमारा हैंड मूवमेंट ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, जिससे कि पैरों के स्किन सेल्स यंग रहते हैं। इससे क्रैक हील्स की समस्या से भी राहत मिलती है।
पैरों की सूजन को कम करे
एडिमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें बॉडी फ्लूइड फिट और एंकल में स्टोर हो जाती हैं। यह स्थिति खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं में देखने को मिलती है। इसके अलावा किडनी तथा लीवर के मरीजों में भी पैरों में सूजन की समस्या रहती है। ऐसे में फुट मसाज पैरों की सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। नियमित रूप से 10 मिनट अपने एंकल को मसाज दें, इससे ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है और फ्लूइड एक जगह पर स्टोर नहीं रहता।
फुट मसाज का सही तरीका
फुट मसाज के लिए आप किसी भी गुनगुने तेल या घी का इस्तेमाल कर सकती हैं। हालांकि, नारियल, सरसों या तिल का तेल अधिक प्रभावी साबित होगा। खासकर ठंड में पैरों को घी से मसाज करने के खास लाभ हैं, क्योंकि इस दौरान त्वचा अधिक ड्राई हो जाती है। आपको अपने एंकल जॉइंट को मसाज देना है, साथ ही एड़ी के पिछले हिस्से एवं जॉइंट्स को भी अच्छी तरह से मसाज दें।
इतना ही नहीं अपनी पैर की सभी उंगलियों पर अच्छे से तेल लगाएं और दो उंगलियों के बीच के हिस्से को भी हल्का दबाव बनाते हुए मसाज करें। अपने पैर के निचले हिस्से में हथेलियां पर तेल लेकर मालिश करें और फिर अपने अंगूठे से दबाव बनाते हुए कुछ देर तक उन्हें मसाज दें।