अल्सरेटिव कोलाइटिस, आंतों से जुड़ी एक क्रोनिक बीमारी है। इसे आम भाषा में पेट में सूजन या आंत में सूजन कहा जाता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस को इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज भी कहा जाता है। इस बीमारी में बड़ी आंत में सूजन, अल्सर और जलन की समस्या होती है।
यह बीमारी मुख्य रूप से कोलन और मलाशय को प्रभावित करती है। इसकी वजह से व्यक्ति को कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में आतों में सूजन की बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में, इस बीमारी का जल्द जल्द इलाज करना जरूरी होता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या है?
अल्सरेटिव कोलाइटिस बड़ी आंत और मलाशय की अंदरूनी परत को प्रभावित करती है। इस बीमारी में आंत की सतह परत पर मौजूद कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। इस दौरान आंत में छाले बनने लगते हैं, जिसके कारण आंत में सूजन, जलन और दर्द की परेशानी होती है। इसकी वजह से व्यक्ति को मल त्यागने में काफी परेशानी होती है। साथ ही मल त्याग करते समय ब्लीडिंग, पस और म्यूकस निकलता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण
- उल्टी
- एनीमिया
- जोड़ों में दर्द
- भूख न लगना
- लगातार दस्त की समस्या
- पेट में दर्द और ऐंठन होना
- अचानक से वजन कम होना
- हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना
- मल त्याग करते समय रेक्टम से ब्लीडिंग होना
- बार-बार शौच करने की आवश्यकता महसूस होना
अल्सरेटिव कोलाइटिस का कारण
वैसे तो अल्सरेटिव कोलाइटिस का कोई सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है। इस बीमारी में आपकी इम्यूनिटी ही आपकी आंत पर हमला करना शुरू कर देती है। जिसकी वजह से आंत में सूजन, अल्सर और जलन की पेशानी होती है। इसके अलावा, गलत खानपान, प्रदूषण, तनाव और स्मोकिंग को इस बीमारी के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचाव
- खाना अच्छी तरह चबाकर खाएं।
- शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
- भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें।
- प्रोबायोटिक से भरपूर फूड्स का सेवन करें।
- फाइबर से भरपूर फूड्स का ज्यादा सेवन करें।
- अधिक फैटी और तले भुने भोजन का सेवन करने से बचें।
- पूरे दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं। एक बार में ज्यादा खाने से बचें।
- अगर आप लैक्टोज इंटोलेरेंट हैं, तो दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन करने से परहेज करें।
अल्सरेटिव कोलाइटिस आंत में सूजन की एक गंभीर बीमारी है। इसे लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर इलाज न करवाने से यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।