Air Pollution: अमेरिका में ‘जहरीली हवा’ से हर साल हो रही मौतें, भारत में भी बढ़ते खतरे को लेकर अलर्ट

Air Pollution Effects On Health: वायु हमारे जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे जरूरी है, हालांकि जिस तरह से वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण के मामले बढ़ते जा रहे हैं इसने सेहत के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा कर दी हैं। एक हालिया रिपोर्ट में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण और हानिकारक गैसों के बढ़ते प्रदूषण के कारण होने वाली गंभीर समस्याओं और मौत के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट किया है। तेल और गैस से होने वाला वायु प्रदूषण हर साल अकेले अमेरिका में 90,000 से ज्यादा मौतों का कारण बनता है और लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारियों का खतरा बढ़ाता जा रहा है।
लेखकों ने पाया कि तेल और गैस से निकलने वाले सूक्ष्म कणों के कारण हर साल 10,000 से ज्यादा बच्चों का समय से पहले जन्म हो रहा है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र के नाइट्रोजन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से हर साल करीब 2.16 बच्चों में अस्थमा के मामले और खतरनाक वायु प्रदूषकों के कारण हर साल 1,610 कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं। ये चिंता सिर्फ अमेरिका भर में सीमित नहीं है। भारतीय आबादी पर भी वायु प्रदूषण का गंभीर असर देखा जा रहा है। प्रदूषण को आमतौर पर सिर्फ सांस से संबंधित समस्या से जोड़कर देखा जाता रहा है पर असलियत ये है कि ये संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जहर के समान है।
जहरीली गैसें और हवा में घुलता जहर | Air Pollution Effects On Health
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में हर साल लगभग 70 लाख लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने की वजह से समय से पहले मौत के शिकार हो जाते हैं। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी शामिल हैं। धूल, धुआं, फैक्ट्रियों और गाड़ियों से निकलने वाली जहरीली गैसें, यहां तक कि घरों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन भी हमारे फेफड़ों पर बोझ डालते हैं। यह प्रदूषित हवा धीरे-धीरे शरीर में घुसकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारी और यहां तक कि स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ा देती है। गांव हो या शहर, प्रदूषण का खतरा हर जगह देखा जा रहा है।
अध्ययन में क्या पता चला? | Air Pollution Effects On Health
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और स्टॉकहोम एनवायरनमेंट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह विश्लेषण तेल और गैस आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक चरण से उत्पन्न स्वास्थ्य प्रभावों को जांचने वाला पहला अध्ययन है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में शोधकर्ता करण वोहरा कहते हैं, हम लंबे समय से जानते हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी प्रदूषण के गंभीर खतरे में जी रही है। साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित इस विश्लेषण के लिए, लेखकों ने संघीय सरकार और कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय के आंकड़ों का उपयोग करते हुए तेल और गैस उत्पादन और उपयोग के प्रत्येक चरण की एक सूची तैयार की।
सूक्ष्म कणीय प्रदूषण संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक | Air Pollution Effects On Health
लेखकों ने पाया कि अमेरिका में वायु प्रदूषण के कारण होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों में तेल और गैस की बड़ी भूमिका है। सूक्ष्म कणीय प्रदूषण बच्चों के समय से पहले जन्म का कारण बन रहे हैं वहीं नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण बच्चों में अस्थमा के नए मामलों में से 90% मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।
इंफ्लेमेशन से लेकर कैंसर तक का भी खतरा | Air Pollution Effects On Health
वायु प्रदूषण श्वसन संबंधित समस्याओं का प्रमुख कारण है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वायु प्रदूषण हर साल लगभग 70 लाख लोगों की जान लेता है। इसमें फेफड़े सबसे पहले प्रभावित होते हैं। प्रदूषित हवा में मौजूद PM2.5 और NO₂ जैसी सूक्ष्म कणिकाएं सांस के जरिए फेफड़ों में जाकर सूजन और कैंसर तक पैदा कर सकती हैं। इसी तरह लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, लकड़ी, गोबर या कोयले से खाना बनाने वाले घरों में रहने वालों को क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का खतरा 4 गुना तक बढ़ जाता है। यह धुआं फेफड़ों की वायुमार्ग को नुकसान पहुंचाता है और सांस लेने की क्षमता को कमजोर बना देता है।