bird flu variant: पिछले कुछ महीनों से दुनिया के कई देश एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस के कारण फैलने वाली संक्रामक बीमारी को लेकर चिंतित हैं। एवियन इन्फ्लूएंजा जिसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता रहा है, इसका इंसानों में संक्रमण दुर्लभ माना जाता रहा है। पर पिछले कुछ महीनों में ये वायरस न सिर्फ इंसानों को संक्रमित कर रहा है बल्कि इसके कारण कई स्थानों पर मौत के मामले भी सामने आए हैं। वैज्ञानिकों की टीम ने वायरस में कुछ नए म्यूटेशन देखे हैं जो इसकी संक्रामकता और जटिलता दोनों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।
बर्ड फ्लू को लेकर प्राप्त हो रही हालिया जानकारियों के मुताबिक अमेरिका में वैज्ञानिकों की टीम ने वायरस में एक और नया व खतरनाक म्यूटेशन देखा गया जिसने चिंता बढ़ा दी है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बुधवार (5 फरवरी) को बताया कि नेवादा स्टेट में कई मवेशी एक नए प्रकार के बर्ड फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं, जो अब तक अमेरिका में फैल रहे वैरिएंट से अलग है। वायरस के इस नए वैरिएंट को D1.1 नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरुआती अध्ययनों में इसकी प्रकृति काफी खतरनाक पाई गई है जिसमें संभावित रूप से महामारी का कारण बनने की क्षमता हो सकती है।
गाय, इंसानों सहित कई जानवरों में देखा गया संक्रमण | bird flu variant
पिछले कुछ महीनों के रिपोर्ट उठाकर देखें तो पता चलता है कि वायरस के अलग-अलग वैरिएंट के कारण गाय, इंसानों और कुछ अन्य जानवरों में संक्रमण देखा गया था। अप्रैल 2024 में पहली बार गाय और गायों से इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण के मामले देखे गए थे। H5N1 को शोधकर्ता कई प्रकार से घातक मान रहे हैं, इसकी मृत्युदर भी अधिक मानी जाती रही है। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से इस वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है ऐसे में इसके कारण संभावित महामारी का खतरा है। अगर महामारी आती है तो निश्चित ही ये कोरोना से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

वायरस के एक नए वैरिएंट को लेकर चिंता | bird flu variant
वायरस के नए वैरिएंट की प्रकृति को लेकर चिंता जताते हुए कहा गया कि जिस तरह से इस वायरस का प्रसार है, ऐसे में इसके जानवरों तथा उनके साथ काम करने वाले लोगों में संक्रमण को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। चूंकि ये वायरस मवेशियों-कच्चे दूध में भी पाया गया है ऐसे में आशंका है कि इसके कारण गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। यूएस स्थित सेंट ज्यूड चिल्ड्रेंस रिसर्च हॉस्पिटल के इन्फ्लूएंजा विशेषज्ञ रिचर्ड वेबी ने कहा, हमें हमेशा यही लगता था कि पक्षी से गाय में संक्रमण एक बहुत ही दुर्लभ घटना है। अब ये इंसानों को भी प्रभावित करता हुआ देखा जा रहा है। अब हम जान गए हैं कि संक्रमण की टेस्टिंग करना और परीक्षण जारी रखना वास्तव में क्यों महत्वपूर्ण है? यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या हम एक नई महामारी की तरफ बढ़ रहे हैं?
वैक्सीन बनाने पर काम रह रहे हैं भारतीय वैज्ञानिक| bird flu variant
दुनियाभर में बढ़ती इस संक्रामक बीमारी से बचाव को लेकर भारतीय विशेषज्ञों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों की टीम बर्ड फ्लू वायरस के खिलाफ एक स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रही है। भारत की स्वास्थ्य अनुसंधान की शीर्ष एजेंसी के अनुसार, पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में वायरस के स्ट्रेन उपलब्ध हैं। अब आईसीएमआर इस वैक्सीन को बनाने के लिए अन्य कंपनियों के साथ सहयोग करने पर विचार कर रही है।

इंसानों के लिए घातक हो सकता है संक्रमण | bird flu variant
आईसीएमआर ने कहा, इंसानों में एच5एन1 संक्रमण के कारण मृत्यु दर बहुत अधिक है, 50% से अधिक लोगों की संक्रमण से मौत हो सकती है। हालांकि इंसानों में मामले काफी दुर्लभ हैं और आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से होते हैं। इसके लक्षण बुखार और सांस लेने में तकलीफ से लेकर कई अंगों के फेलियर तक हो सकते हैं। अब तक इस खतरनाक संक्रमण से बचाव को लेकर कोई मान्यता प्राप्त वैक्सीन या लक्षित उपचार उपलब्ध नहीं है। संक्रमण के बढ़ते मामलों और संभावित महामारी के जोखिमों ने लोगों की चिंता और वैक्सीन की आवश्यकता दोनों को बढ़ा दिया है।