American President Donald Trump को हुई नसों की ये बीमारी, हाथ पैरों पर दिखाई देने लगे लक्षण

American President Donald Trump: अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में ट्रंप के हाथ पैरों पर सूजन दिखाई दे रही है। जिसे लेकर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी (Chronic Venous Insufficiency) नामक नसों की बीमारी से जूझ रहे हैं। हाथ और टखने में हल्की सूजन आने के बाद उनका चेकअप कराया गया जिससे इस बीमारी के बारे में पता चला।
व्हाइट हाउस में नियुक्त डॉक्टर सीन बार्बेला ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पैरों में टखनों पर हल्की सूजन थी, जिसके बाद उनका मेडिकल चेकअप किया गया। जांच में पता चला कि उन्हें क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी नामक बीमारी है। हालांकि डीप वेन थ्रॉम्बोसिस या आर्टेरियल डिजीज जैसी खतरनाक बीमारी नहीं है। उम्र बढ़ने के साथ ये बीमारी आम समस्या है।
उम्र के साथ नार्मल है क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी | American President Donald Trump
70 साल के बाद क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी नॉर्मल है। इस उम्र में नसों में ब्लड प्लो कम होने लगता है। हालांकि माना जा रहा है कि ट्रंप को ये समस्या उम्र के साथ लगातार हाथ मिलाने और एस्प्रिन का उपयोग करने से हो सकती है। जिससे हाथों के टिश्यू पर असर पड़ा है।
क्या है क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी? | American President Donald Trump
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। पैरों की नसों के वॉल्व प्रोपर फंक्शन नहीं कर पाते हैं जिससे ब्लड हार्ट की ओर जाने की बजाय पैरों में जमा होने लगता है। इससे पैरों और टखनों में सूजन आने लगती है। सूजन बढ़ने से पैरों में भारीपन, दर्द और स्किन पर रेडनेस या व्हाइट पैच पड़ने लगते हैं। ये उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी है।
क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी के लक्षण | American President Donald Trump
सीवीआई के शुरुआती लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं। इसके लक्षणों में टखने में सूजन, पैरों में भारीपन, पिंडलियों या टखनों में बेचैनी या जलन या खुजली भी हो सकती है। उम्र बढ़ने पर ये बीमारी और भी बदतर होती जाती है। टखनों के आसपास छोटी दिखाई देने वाली नसें और त्वचा का काला पड़ना इस बात का संकेत हो सकता है कि बीमारी बढ़ रही है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से इलाज में देरी होती है और पैरों के अल्सर और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) का खतरा बढ़ जाता है।
लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना, वजन बढ़ने, फिजिकली एक्टिव न होने से सभी पिंडली की मांसपेशियों को शिथिल करके और पैरों की नसों पर दबाव बढ़ाकर सीवीआई को बढ़ावा देते हैं। इससे बचने के लिए वजन कंट्रोल रखें। फिजिकली एक्टिव रहें और ज्यादा लंबे समय तक खड़े रहने से बचें।