अपेंडिक्स पेट के निचले दाहिने हिस्से में स्थित एक छोटी, उंगली के आकार की थैली होती है। यह लार्ज इंटेस्टाइन से जुड़ी होती है। जब इसमें सूजन आ जाती है तो इसे अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। यह सूजन बहुत ही पेनफुल होती है और सर्जरी ही इसका उपचार माना जाता है। अगर आप भी एपेंडिसाइटिस से पीड़ित हैं और अपेंडेक्टोमी सर्जरी करवाने जा रहे हैं तो कुछ बातों की जानकारी होना आपके लिए जरूरी है।
एपेंडिसाइटिस के कारण आपके पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। यह दर्द धीरे-धीरे पेट के दाहिने निचले हिस्से तक बढ़ता है। कई बार इसके कारण सूजन भी नजर आने लगती है। इसी के साथ भूख न लगना, मतली, बुखार की शिकायत भी होने लगती है। कई बार समय रहते इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देने से अपेंडिक्स फट भी सकता है। यह एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें इंफेक्शन आपके पूरे शरीर में फैल सकता है।
अपेंडिक्स का कैसे पता लगाएं
अगर आपके पेट के दाहिने हिस्से में लगातार दर्द है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके लिए फिजिकल चेकअप के साथ ही ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है। कई बार कंट्रास्ट-एन्हांस्ड सीटी स्कैन भी करवाया जाता है।
ये विकल्प हैं आपके पास
अपेंडेक्टोमी सर्जरी अपेंडिक्स की गंभीरता और साइज पर निर्भर करती है। कई बार सावधानी और उपचार से भी कुछ समय के लिए इससे राहत मिल सकती है। हालांकि अगर स्थिति गंभीर है तो सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक, कीहोल, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी की जाती है। विकट स्थिति में ओपन अपेंडेक्टोमी भी करवाई जा सकती है।
Also Read – शाकाहारी या मांसाहारी में कौन सा आहार ज्यादा फायदेमंद? शोध में आया सामने
इस सर्जरी के बाद पेशेंट को दो से तीन दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहना पड़ता है। उसके बाद घर पर प्रॉपर रेस्ट लेने की सलाह दी जाती है। सर्जरी के तुरंत बाद पेशेंट को लिक्विड और सेमी लिक्विड डाइट पर ही रखा जाता है। डॉक्टर की ओर से बताई गई दवाएं और देखभाल से पेशेंट 15 से 20 दिन में एकदम फिट महसूस करने लगते हैं। इस दौरान डाइट का भी खास ध्यान रखना चाहिए।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
सर्जरी के बाद मरीज को पूरी देखभाल की जरूरत होती है। ऑपरेशन के कारण थोड़ा दर्द होना सामान्य है लेकिन अगर दर्द असहनीय है तो ये गंभीर हो सकता है। इसी के साथ सर्जरी के बाद बहुत ज्यादा एक्टिविटी या चलने-फिरने से बचना चाहिए। अगर सर्जरी के बाद आपको लगातार बुखार है, पेट में दर्द बना हुआ है, ऑपरेशन वाले क्षेत्र में रेडनेस है या ब्लड आ रहा है तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। इसी के साथ अगर कब्ज, अपच, एसिडिटी की परेशानी है तो भी डॉक्टर को जरूर बताएं, क्योंकि इससे आपके घाव पर असर पड़ सकता है।