एक तरफ दुनिया में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्टस की चर्चा चल रही है. इस वैक्सीन लगवाने वालों के मन में डर बैठा हुआ है. इस बीच कोरोना वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका बड़ा ऐलान कर दिया है. उसने पूरी दुनिया से अपनी बनाई कोविड-19 वैक्सीन वैक्सजेवरिया को वापस मंगवा लिया है. ऐसे में भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल उठने लगा है कि क्या यहां भी कोविशील्ड की वापसी होगी.
एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोविड 19 वैक्सीन को वापस मंगवा लिया है. दुनियाभर से वैक्सजेवरिया वैक्सीन की अब वापसी होगी. एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस से बनी कोविशील्ड वैक्सीन देश में कोरोना से बचाने के लिए लोगों को लगाई गई थी. कोविशील्ड को भी वैक्सजेवरिया वैक्सीन के फॉर्मूले पर ही बनाया गया है. हालांकि, भारत में अभी तक इस वैक्सीन की वापसी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.
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सीरम इंस्टीट्यूट ने क्या बयान दिया
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोगों की चिंताओं को पूरी तरह समझते हैं. हमारा फोकस ट्रांसपेरेंसी और सेफ्टी पर है. हमारी कंपनी ने 2021 की पैकेजिंग में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम और थ्रोम्बोसिस जैसी दुर्लभ साइड इफेक्ट्स का खुलासा किया था. कोरोना महामारी के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं, इसके बावजूद वैक्सीन की सेफ्टी सबसे पहली प्रॉयरिटी है. सीरम इंस्टीट्यूट ने पिछले टीकों की मांग कम होने के बाद दिसंबर 2021 से कोविशील्ड के एक्स्ट्रा डोज बनाना और सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी है.’
क्यों वापस हो रही वैक्सीन
ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका का दावा है कि वैक्सीन का अपडेट वर्जन उपलब्ध है, इसलिए वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया जा रहा है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने 5 मार्च को ही वैक्सीन वैक्सजेरवरिया को वापस मंगवाने का फैसला कर लिया था लेकिन आदेश 7 मई को आया. दरअसल, ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका का यह फैसला तब आया, जब कंपनी ने खुद ही मान लिया है कि उसकी वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं, जो थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के तौर पर आ रहे हैं, जिसमें खून के थक्के जमने लगते हैं.