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सावधान! इस तत्व की कमी से हो सकती है असामान्‍य धड़कनें और नींद की समस्‍या  

शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Health Expert) सभी लोगों को ऐसी चीजें खाने की सलाह देते हैं, जिससे शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों की जरूरत पूरी हो सके।हम सब अक्सर प्रोटीन और विटामिन्स की जरूरतों की तो बात कर लेते हैं, लेकिन कई जरूरी मिनरल्स को इग्नोर कर दिया जाता है, जिनकी कमी के कई नुकसान हो सकते हैं। मैग्नीशियम ऐसी ही एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरत है। यह शरीर में 300 से ज्‍यादा एंजाइमों की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। हड्डियों, मांसपेशियों, तंत्रिका प्रणाली और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए मैग्नीशियम जरूरी है।

अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों को रोजाना आहार के जरिए 400-420 मिलीग्राम, वहीं महिलाओं को 310-320 मिलीग्राम मैग्नीशियम की जरूरत होती है। मैग्नीशियम व्यापक रूप से पौधे और पशुओं पर आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बीन्स, सूखे मेवे, सीड्स और साबुत अनाज मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।

कार्यक्षमता को प्रभावित करती है मैग्‍नीशियम की कमी

मैग्नीशियम की कमी मांसपेशियों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है, जिससे उनमें ऐंठन, कमजोरी और थकान हो सकती है। यह मांसपेशियों के संकुचन और उनके आराम करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैग्नीशियम की कमी में पैर, हाथ और पेट की मांसपेशियों ऐंठन की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। इसके अलावा आप अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस कर सकते हैं।

हृदय संबंधी परेशानियां

मैग्नीशियम दिल की धड़कन और रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है और रक्तचाप बढ़ सकता है। इस तरह की स्थिति अगर लंबे समय तक बनी रहती है तो इसके कारण दिल के दौरे, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। अध्ययन बताते हैं कि मैग्नीशियम की उचित मात्रा दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक है।

अनिद्रा और नींद की दिक्‍कत

मैग्नीशियम मस्तिष्क में गाबा नामक न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता है, जो मन की शांति और अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए जरूरी है। जिन लोगों में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है उनमें अनिद्रा या नींद न आने की समस्या बढ़ सकती है। यह व्यक्ति की नींद के चक्र को बाधित करता है। अच्छी नींद न मिल पाने के कारण तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का जोखिम भी काफी बढ़ सकता है।

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