दुनियाभर में लोग कैंसर (Cancer) का नाम सुनते ही डरने लगते हैं। बीते कुछ सालों में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इस गंभीर और जानलेवा बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर बायोप्सी टेस्ट (Biopsy Test) कराने की सलाह देते हैं। यह टेस्ट शरीर में कैंसर की जांच और कैंसर कितना फैल चुका है, इसका पता लगाने के लिए किया जाता है।
क्या होता है बायोप्सी टेस्ट? (What is Biopsy Test?)
बायोप्सी टेस्ट कैंसर की जांच के लिए कराया जाता है। इस टेस्ट के दौरान शरीर में जहां भी कैंसर सेल्स होने का शक होता है, वहां से कुछ टिश्यूज को निकालकर लैब में स्पेशल टेस्ट के लिए भेजा जाता है। शरीर में कुछ खास तरह के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर इस टेस्ट को कराने की सलाह दे सकते हैं।

डॉक्टर कब-कब देते हैं बायोप्सी टेस्ट की सलाह?
सीटी स्कैन या एक्सरे में अगर सिस्ट दिखे तब।
ब्रेस्ट में किसी तरह की गांठ होने पर।
जब स्कैन आदि के बाद भी बीमारी का अन्य जांचों या विधियों से पता नहीं लग पा रहा हो।
लीवर संबंधी कोई समस्या होने पर।
लंबे समय से चल रहे अल्सर के लिए।
परेशानियां महसूस होने और किसी तरह के लक्षण न दिखने पर।
बल्ड कैंसर के परीक्षण के लिए।
बायोप्सी से कैंसर का पता कैसे चलता है?
कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी टेस्ट को ही सबसे कारगर माना जाता है। इस टेस्ट से शरीर में कैंसरस टिश्यूज और नॉन कैंसरस टिश्यूज के बीच फर्क किया जाता है। बायोप्सी करने के लिए एनेस्थीसिया देकर सर्जिकल कट लगाया जाता है, जहां से सेल्स के टिश्यूज लिए जाते हैं। ये एक छोटी सी सर्जरी होती है, जिसमें बहुत पतले नीडिल से टिश्यूज को निकालकर बायोप्सी के लिए भेज दिया जाता है।
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बायोप्सी टेस्ट से क्या फायदा होता है? (Benefit of Biopsy Test)
बायोप्सी से कैंसर सेल्स और कैंसर कितना फैल चुका है, इसके बारे में पता चल जाता है। डॉक्टर्स की मानें तो इससे कैंसर की स्टेज के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है, लेकिन स्थिति का काफी पता लगाया जा सकता है। इससे कैंसर के ट्यूमर का साइज पता लग सकता है, जिससे समय पर इलाज और कीमोथेरेपी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।