बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले तेजी से बढ़े हैं। हृदय में जब खून और ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है या कम हो जाती है तो हृदयाघात (Heart Attack) आता है। सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा और भी बढ़ जाता है, इसका कारण ठंडा मौसम और बढ़ता प्रदूषण भी है। इसके अलावा सर्दियों में ऐसे कई कारण बनते हैं, जो दिल का दौरा पड़ने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉक्टर भुमेश त्यागी के अनुसार, ठंड के मौसम में शारीरिक और पर्यावरण से जुड़े कुछ कारकों के कारण दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। ठंड में रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और तनाव बढ़ जाता है। इसके अलावा सर्दियों में फ्लू जैसे सांस से जुड़े संक्रमण भी बढ़ जाते हैं, जो ब्लड वेसेल्स में सूजन पैदा कर सकते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा सीजनल लाइफस्टाइल में बदलाव आना भी हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ते हैं।
सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने का कारण
ठंड के मौसम में लोग कम फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। प्रदूषण और ठंड के कारण घूमना फिरना कम हो जाता है। सर्दियों में लोग हाई कैलोरी फूड, ज्यादा तला हुआ खाना खाने लगते हैं। इसके अलावा धूप की कमी होने से शरीर में विटामिन डी कम होने लगता है। ये सारे फैक्टर्स मिलकर शरीर पर और हार्ट हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। ये सारे फैक्टर्स मिलकर सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को बढ़ाते हैं। खासकर उन लोगों के लिए ये मौसम ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है, जो पहले से ही किसी बीमारी या हार्ट से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हैं।
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हार्ट अटैक से ऐसे बचें (Beware to Heart Attack)
हार्ट से बचना है तो रोजाना 30 से 45 मिनट का कोई व्यायाम जरूर करें।
अगर प्रदूषण की वजह से बाहर नहीं जा पा रहे हैं तो घर में या जिम में जाकर वर्कआउट करें।
खाने में अधिक ऑयली चीजें जैसे- पूरी, पराठे या जंक फूड खाने से परहेज करें।
सीजनल फल और सब्जियां खाएं।
एकदम ठंडे मौसम में बाहर निकलने से बचें।
नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करते रहें।
अगर बीपी, शुगर या किसी दूसरी बीमारी के मरीज हैं तो उसकी दवाएं रोजाना खाएं।