परवरिशस्वास्थ्य और बीमारियां

बच्चे को हमेशा के लिए अंधा बना सकता है हद से ज्यादा Junk Food? पेरेंट्स ध्‍यान से पढ़ लें ये खबर

आजकल वीकेंड हो या हाउस पार्टी जंक फूड का सेवन ट्रेंड बनता जा रहा है, जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी खाते हैं। मगर, ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी रिपोर्ट के अनुसार, आठ साल एक लड़का, जोकि मलेशिया में रहता है उसे अपने क्लास रूम में पढ़ने के दौरान पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो गया। इसके बाद स्कूल वालों ने उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। कई सारे मेडिकल टेस्ट हुए, जिसके पता चला कि खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण उसके शरीर में विटामिन ए की भारी कमी हो गई है। यही कारण है कि अचानक से उसके आंखों की रोशनी चली गई।

आंखों के लिए विटामिन ए क्यों जरूरी है?

बच्चे के कई सारे मेडिकल टेस्ट हुए, जिसमें पता चला कि वह ऑप्टिक न्यूरोपैथी बीमारी से जूझ रहा है। विटामिन ए बच्चे या किसी भी इंसान के ओवर ऑल हेल्थ के बेहद जरूरी होता है। जब बच्चे के माता-पिता से इस बारे में बात की गई तो पता चला कि मरीज बचपने से ही चिकेन के अलावा कुछ नहीं खाता था। वह अधिकतर वक्त चिकेन नगेट्स, सॉसेज, कुकीज खाता था, जिस कारण उसके शरीर में विटामिन ए की काफी ज्यादा कमी हो गई। यही वजह है कि वह ऑप्टिक नर्व्स (Optic Nerves) जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो गया। बता दें कि विटामिन एक आपकी आंखों, रेटीना, कॉर्निया, स्किन पिगमेंटेशन, रतौंधी, आंखों की रोशनी बढ़ाने में काफी ज्यादा फायदेमंद है।

ओवरऑल हेल्थ के लिए जंक फूड क्यों है खतरनाक?

मेंटल हेल्थ को करता है प्रभावित

जंक फूड यानी अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स दिमाग को बुरी तरह प्रभावित करती है। हालांकि, अभी इस पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। इस रिसर्च में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने और कॉन्गेटिव गिरावट या स्ट्रोक के जोखिम के बीच संबंध साबित नहीं किया, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ दिमाग की सेहत में हेल्दी आहार को महत्व को बताता है।

स्ट्रोक का बढ़ता है खतरा

इस रिसर्च में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खाने से स्ट्रोक का रिस्क में 8 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जितनी कम मात्रा में इस तरह की चीजें खाई जाएंगी, सोचने-समझने की क्षमता को नुकसान पहुंचने का रिस्क 12 प्रतिशत और स्ट्रोक का रिस्क 9 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

क्‍या हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स?

ऐसी चीजें जिन्हें ज्यादा प्रोसेस्ड किया गया है और जिनमें स्वाद को बढ़ाने के लिए एडिटिव्स होते हैं, उन्हें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स कहा जाता है। इनमें फाइबर, विटामिन, प्रोटीन और खनिज कम होते हैं और ये शुगर, सोडियम और सैचुरेटेड फैट से भरे होते हैं। आलू चिप्स, सोडा, एनर्जी ड्रिंक, बेकन, सॉसेज, चिकन नगेट्स, इंस्टेंट सूप मिक्स, केचप जैसी चीजें इसमें शामिल हैं।

एक बच्चे का फ्यूचर पोषण से होना चाहिए भरपूर

बच्चे के अच्छे फ्यूचर के लिए माता-पिता घर-बंगला, गाड़ी, अच्छे सा अच्छा शिक्षा, स्कूल, कॉलेज, कपड़े आसपास का मौहोल सभी का ध्यान रखते हैं। मगर, माता-पिता अपने बच्चे के पोषण का वैसा ख्याल नहीं रखते हैं, जितना उन्हें रखना चाहिए। एक हेल्दी फ्यूचर के लिए बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की जिम्मेदारी भी माता-पिता की होती है, जिससे उन्हें फ्यूचर में कोई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बचाया जा सके।

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