Cholesterol: शरीर में चुपचाप बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल, कितना होना चाहिए इसका स्तर और कब कराएं जांच?

High Cholesterol: कोलेस्ट्र्रॉल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली समस्या आ जाती है। निश्चित ही कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना शरीर के लिए काफी नुकसनादायक है पर हर कोलेस्ट्रॉल हानिकारक हो ऐसा भी नहीं है। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक तरह का फैटी पदार्थ है। यह कोशिकाओं को बनाने, हार्मोन्स और विटामिन-डी के निर्माण में मदद करता है। हमारा लिवर इसे बनाता है और थोड़ी मात्रा हमें खाने से भी मिलती है। असली समस्या तब होती है जब बैड कोलेस्ट्रॉल जिसे एलडीएल कहा जाता है ये ज्यादा बढ़ जाए और एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल कम हो जाए। इससे खून की नलियों में फैट जमने लगती है।
आजकल यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ ज्यादा तैलीय और फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, मोटापा, डायबिटीज और धूम्रपान जैसी आदतों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। पहले माना जाता था कि कोलेस्ट्रॉल सिर्फ बुजुर्गों की समस्या है, लेकिन अब यह युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है।
कोलेस्ट्रॉल हाई होने पर क्या होता है? | High Cholesterol
हाई कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए एक खतरनाक स्थिति है, यह हमारी धमनियों में जमकर उन्हें संकरा कर देता है। इसे मेडिकल की भाषा में एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। जब रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं तो दिल और दिमाग तक खून की सप्लाई कम हो जाती है। इसके कारण हार्ट अटैक, छाती में दर्द एंजाइना या ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा लंबे समय तक हाई ट्राइग्लिसराइड्स और लो एचडीएल से शरीर में सूजन बढ़ती है और ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि 5-9 साल के भारतीय बच्चों में भी ट्राइग्लिसराइड्स की समस्या बढ़ रही है।
कैसे जानें कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है? | High Cholesterol
हाई कोलेस्ट्रॉल के ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखता है। व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ महसूस करता है लेकिन खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा होता है। यही वजह है कि इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। त्वचा पर पीले रंग की गांठें यानी जैंथोमा, आंख की पुतली के चारों ओर सफेद या पीला रिंग होना इसका आम संकेत हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के साथ सांस फूलने, धड़कनों के कम होने, थकान जैसी दिक्कत भी अधिक देखी जाती रही है।
कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर? | High Cholesterol
डॉक्टर कहते हैं, अधिकतर लोग बिना जांच कराए यह समझ ही नहीं पाते कि उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना है। कोलेस्ट्रॉल की जांच में चार मुख्य चीजों पर ध्यान दिया जाता है- टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स।
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-टोटल कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL से कम सामान्य माना जाता है। एलडीएल 100 mg/dL से कम होना ठीक है। एचडीएल पुरुषों में 40 और महिलाओं में 50 mg/dL से ज्यादा होना चाहिए वहीं ट्राइग्लिसराइड्स 150 mg/dL से कम होना सामान्य है।
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-जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी, डायबिटीज है, उनके लिए डॉक्टर एलडीएल को और भी कम रखने की सलाह देते हैं।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कब कराना चाहिए | High Cholesterol
कोलेस्ट्रॉल जांच कराने का समय हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। सामान्य रूप से 20 साल से ऊपर हर वयस्क को हर 3-4 साल में एक बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना चाहिए। लेकिन जिन लोगों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, धूम्रपान की आदत या परिवार में पहले से किसी को हार्ट की बीमारी रही हो उन्हें यह टेस्ट साल में एक बार या डॉक्टर की सलाह अनुसार कराना चाहिए। हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने का सबसे अच्छा तरीका है जीवनशैली में सुधार करना। आहार में हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और फल ज्यादा शामिल करें। तैलीय और तली-भुनी चीजों से बचें। नियमित व्यायाम को आदत बनाएं और वजन को नियंत्रित रखें।