स्वास्थ्य और बीमारियां

Civil Surgeon ने मरीज से मांगे रुपए, अवर सचिव ने कर दिया Suspend फिर जो हुआ…

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला अस्पताल में भर्ती मरीज से ऑपरेशन के नाम पर पैसे मांगने के आरोप में सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र बंसरिया को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग रायपुर के अवर सचिव की है। उन्हें अंबिकापुर जेडी कार्यालय अटैच किया गया है। इसके विरोध में डॉक्टर एसोसिएशन सिडा के बैनर तले बुधवार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर अनिश्चितकाल तक ओपीडी बंद कर दिया है। सिडा का कहना है कि सिविल सर्जन का निलंबन आदेश शून्य घोषित किया जाए।

आपको बता दें, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग रायपुर के अवर सचिव मुकेश चौहान के हस्ताक्षर से निलंबन आदेश जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि सीएमएचओ कोरिया के प्रतिवेदन के अनुसार डॉ. राजेन्द्र बंसरिया अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला अस्पताल बैकुंठपुर ने मरीज का ऑपरेशन करने की राशि मांगी। परिजनों द्वारा राशि नहीं देने पर मरीज का इलाज नहीं किया गया।

सिविल सर्जन डॉ. बंसरिया का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है। इस मामले में राज्य शासन द्वारा डॉ. राजेन्द्र बंसरिया को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

इस मामले में सिडा कोरिया इकाई ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें लिखा गया है कि डॉ. राजेन्द्र बंसरिया सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को अन्यायपूर्वक एक पक्षीय कार्यवाही कर निलंबन (CG doctor suspend) किया गया है। शासन के आदेश पत्र में यह अरोप है कि एक मरीज के परिजन से ऑपरेशन करने के लिए धनराशि की मांग की गई है। निलंबन अवधि में डॉ. बंसरिया का मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सरगुजा संभाग अंबिकापुर अटैच किया गया है। निलंबित सिविल सर्जन सक्षम अधिकारी की अनुमति एवं पूर्व स्वीकृति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।

सिविल सर्जन के निलंबन के बाद कोरिया में हड़कंप मच गया। इस आरोप पर एकतरफा कार्यवाही करते हुए सीएमएचओ कोरिया द्वारा सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर नवा रायपुर को डॉ बंसरिया के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए पत्र भेजा गया है।

कार्यवाही नियम के विरुद्ध है – सिडा

सिडा ने कहा कि इस प्रकरण में शासन द्वारा जांच के लिए किसी भी तरह की टीम का गठन नहीं किया और न ही मौखिक और लिखित में पत्राचार किया है। यह कार्यवाही नियम विरुद्ध है। अवर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पत्र में दो बिंन्दुओं का उल्लेख है। पहला धनराशि की मांग और दूसरा मरीज का उपचार नहीं किया गया है। यह दोनों आरोप पूर्णत: निराधार हैं, न मरीज से किसी भी तरह की धनराशि ली गई है और न ही उपचार के लिए मना किया गया है। मरीज का 27 जून को ऑपरेशन किया गया है।

सीएस का निलंबन आदेश शून्य घोषित करें – सिडा

सिडा जिलाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र पैकरा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन(सिडा) के बैनर तले जिला अस्पताल के डॉक्टर ओपीडी बंदकर सीएमएचओ और कलेक्टर के पास पहुंचे। इस दौरान आनन-फानन में निलंबन के खिलाफ विरोध जताया है। अन्यायपूर्वक कार्यवाही के विरोध में जिला अस्पताल के समस्त डॉक्टर चिकित्सकीय सेवाएं एमएलसी पीएम, ओपीडी को बुधवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।

इससे जिला अस्पताल में मरीज परेशान नजर आए। हालांकि, आपातकालीन ओपीडी में इलाज हुआ। सिडा ने निलंबन आदेश शून्य करने की मांग रखी है। इस दौरान डॉ डीके चिकनजूरी, डॉ भास्कर मिश्रा, डॉ एके सिंह, डॉ गौतम पैकरा, डॉ योगेंद्र चौहान, डॉ अभिषेक गढ़ेवाल सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर्स मौजूद थे।

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